Haryana: Jhajjar Dc Said – Ngt Guidelines Will Be Followed – Amar Ujala Hindi News Live – Haryana:झज्जर डीसी बोले

जागरूक कर रहे अधिकारी।
– फोटो : संवाद
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झज्जर में पराली जलाने को लेकर जिला प्रशासन सख्त है। अब तक दो किसानों पर पराली जलाने पर केस दर्ज हो चुके हैं। रविवार शाम को भी सेटेलाइट ने औरंगपुर में आग जलने की घटना पकड़ी। इसके बाद कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन मौके पर कुछ नहीं मिला। वहीं अब तक बेरी खास में दो किसानों द्वारा पराली जलाने पर केस दर्ज हो चुका है।
डीसी शक्ति सिंह ने कहा कि सभी संबंधित विभाग स्वच्छ पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के साथ इससे संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन सही समय पर सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेप व्यवस्था लागू की है। इसकी पालना हर हाल में करनी होगी।
उन्होंने कहा कि मंगलवार 22 अक्तूबर से लेकर 31 जनवरी 2025 तक (ग्रीन पटाखों को छोड़कर) पटाखों के निर्माण, भंडारण व उपयोग करने पर पूर्णतया रोक रहेगी। डीसी ने कहा कि कि वायु प्रदूषण के निवारण के लिए सरकार द्वारा सजगता के साथ कार्य किए जा रहे हैं।
पांच सौ गज से ज्यादा बड़ी साइटों पर होने वाले निर्माण को लेकर डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी एक्शन प्लान बनाकर प्रदूषण मुक्त शहर बनाने का हर संभव प्रयास करें और मनमानी करने वालों के खिलाफ चालान करें।
डीसी ने कहा कि किसान फसल अवशेषों का उचित प्रबंध करें तथा फसल अवशेषों को न जलाएं। फसल अवशेषों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। किसान फसलों का उचित प्रबंधन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन करने पर एक हजार रुपये से लेकर 1500 रुपये प्रति एकड़ किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
डीसी ने कहा है कि फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करें। फसल अवशेषों को कृषि यंत्रों की सहायता से भूमि में मिलाकर भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाये या स्ट्रॉ बेलर मशीन से पराली की गांठ बनाकर सरकार द्वारा दिए जा रहे लाभ का फायदा उठाएं। फसल अवशेषों को जलाने से कई तरह से हानि होती है। इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति को भारी नुकसान होता है तथा पर्यावरण प्रदूषित होने से सांस लेने में कठिनाई होती है।

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