
सहायक पंप ऑपरेटर की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी पुलिस टीम के साथ।
– फोटो : संवाद
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माैत का इंजेक्शन देकर पिता की हत्या करने वाले बेटे ने अपने भाई की हत्या की भी साजिश रच दी थी। किस्मत से भाई परमिंदर ने टीका लगवाने से इंकार कर दिया, इससे उसकी जान बच गई। अगर वह भी पिता की तरह भाई की प्रेमिका की बातों में आकर टीका लगवा लेता तो उसकी भी जान जा सकती थी।
मौत का इंजेक्शन देकर पिता की हत्या कराने का यह अपनी तरह का अजीबो गरीब मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। आसपास के लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि एक बेटे ने प्रेम में अंधा होकर न सिर्फ अपने पिता की हत्या करा दी, बल्कि अपने भाई को भी रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली थी।
गन्नौर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार ने बताया कि गांव पुरखास राठी निवासी परमिंदर ने 12 मई को गन्नौर थाने में शिकायत देकर कहा था कि उसके पिता दलबीर (51) जनस्वास्थ्य विभाग में सहायक पंप ऑपरेटर थे। 12 मई को एक महिला उनके घर आई और खुद को खानपुर कलां मेडिकल कॉलेज अस्पताल का कर्मचारी बताकर पिता और मां को कैंसर रोधी टीका लगाया। टीका लगाने के कुछ देर बाद पिता की हालत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। दूसरी तरफ जानकारी लेने पर पता चला मेडिकल कॉलेज की तरफ से ऐसा कोई टीकाकरण अभियान नहीं चलाया जा रहा है। इसके बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
बेटे की भूमिका मिली संदिग्ध
इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार ने बताया क्षेत्र में लगे सीसीटीवी खंगाले तो बेटे नवीन की भूमिका संदिग्ध मिली। नवीन से पूछताछ की गई तो उसने हत्या की बात कबूल ली। नवीन ने बताया वह अपनी सहकर्मी स्टाफ नर्स सुषमा से प्रेम करता है। दोनों अलग-अलग जाति से हैं। पिता शादी के लिए राजी नहीं होते, इसलिए हत्या की साजिश रची।
हत्या के लिए लगाया एटरा क्यूरियम इंजेक्शन
आरोपी नवीन ने बताया कि वह बेहोशी में इस्तेमाल होने वाला एटरा क्यूरियम इंजेक्शन अपने अस्पताल से चोरी करके लाया था। योजना के तहत प्रेमिका सुषमा ने दलबीर को 10 एमएल डोज का टीका लगाया, जबकि मां को पानी में पेरासीटामोल मिलाकर इंजेक्शन लगाया था। एनेस्थीसिया चिकित्सक का कहना है कि एटरा क्यूरियम मरीज को बेहोशी के लिए लगाया जाता है। इसकी एक से दो एमएल मात्रा इंजेक्शन से दी जाती है। अगर किसी को 8 से 10 एमएल की डोज दी जाए तो उसकी मौत हो सकती है।
पुलिस हिरासत में नवीन ने बताया कि वह जानता था कि ऑपरेशन के वक्त बेहोशी के लिए इस्तेमाल होने वाली एटरा क्यूरियम की अधिक डोज से मौत हो सकती है। इसलिए उसने अस्पताल से यह इंजेक्शन चोरी किया था। प्लान के मुताबिक अपनी स्टाफ नर्स प्रेमिका सुषमा को अस्पतालकर्मी बनाकर टीका लगाने के लिए घर बुलाया था। वह जानता था कि कैंसर रोधी टीका के नाम पर घरवाले इंजेक्शन लगवाने से मना नहीं करेंगे।
निजी अस्पताल में वार्ड ब्वॉय है आरोपी
गांव पुरखास राठी निवासी दलबीर (51) का छोटा बेटा नवीन सोनीपत शहर के एक निजी अस्पताल में वार्ड ब्वॉय का काम करता है। अस्पताल में ही काम करने वाली स्टाफ नर्स सुषमा से उसका प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों एक-दूसरे से शादी करना चाहते थे, लेकिन अंतरजातीय होने से शादी होनी मुश्किल थी। नवीन ने बताया कि उसे लगा था कि पिता व भाई अंतरजातीय विवाह के लिए तैयार नहीं होंगे। इसलिए उसने दोनों को ही रास्ते से हटाने की साजिश रच दी।
प्रेमिका को बताया कैंसर का नाम लेकर लगाए टीका
नवीन ने बताया कि उसकी प्रेमिका स्टाफ नर्स थी। ऐसे में उसने अलग ही तरीके से पिता व भाई की हत्या का षड्यंत्र रचा। उसने प्रेमिका सुषमा को वारदात को अंजाम देने के लिए खानपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का कर्मचारी बनाकर भेजा। साथ ही बताया कि कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का नाम लेकर परिवार को झांसे में लिया जा सकता है। महिला होने व अस्पताल की कर्मी बताने से ऐसा ही हुआ और परिवार झांसे में आ गया। दंपती ने इंजेक्शन लगवा लिया। सुषमा ने दलबीर को एटरा क्यूरियम व उनकी पत्नी पिंकी को पैरासीटामोल का इंजेक्शन लगाया।
बाइक पर खुद लेकर आया था आरोपी
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी नवीन अपनी प्रेमिका सुषमा को बाइक पर लेकर खुद ही अपने गांव में आया था। वह उसे अड्डे पर उतारकर चला गया। बाद में वारदात के बाद उसे लेने आया। वह उसे उदेशीपुर के गांव के अड्डे पर उतारकर वापस आ गया था।
सुषमा ने जीएनएम का किया है कोर्स
पुलिस के मुताबिक, आरोपी सुषमा तीन बहनों में सबसे बड़ी है। उसने 12वीं तक पढ़ाई कर जीएनएम का कोर्स किया था। उसके पिता मजूदरी करते हैं। वहीं नवीन तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा है।
गांव पुरखास में टीका लगाने से हुई व्यक्ति की मौत के मामले में खुलासा हुआ है कि बेटे ने ही पिता की हत्या का षड्यंत्र रचा था। आरोपी व उनके पिता को इंजेक्शन लगवाने वाली उसकी सहकर्मी स्टाफ नर्स को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को रिमांड पर लेकर गहनता से पूछताछ की जाएगी। -इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार, थाना प्रभारी गन्नौर

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