Haryana: Son Of Martyr Had Said – Papa, Take Care, Kuldeep Said – Live The Life Of The Brave – Amar Ujala Hindi News Live – Haryana: बेटे ने कहा था- पापा ध्यान रखना, कुलदीप बोले

शहीद कुलदीप कुमार।
– फोटो : संवाद
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जम्मू के उधमपुर में आतंकी हमले में हरियाणा के जींद के निडानी गांव के 54 वर्षीय सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक सोमवार को बलिदान हो गए थे। उनकी सोमवार सुबह ही बेटे नवीन से फोन पर बात हुई थी। कुलदीप ने बेटे से कहा था, रक्षाबंधन का पर्व अच्छे से मनाना। इस पर नवीन ने कहा था कि पापा अपना ख्याल रखना। तब, भारत मां के सपूत कुलदीप ने बेटे से शेरों की तरह कहा था, बहादुरों की जिंदगी जी है, आगे भी ऐसे ही जीऊंगा। तब, शायद नवीन को यह इल्म नहीं था कि उसकी आखिरी बार पिता से बात हो रही है।
सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक जम्मू के उधमपुर में तैनात थे। उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में सोमवार को हुए आतंकी हमले में वह बलिदान हो गए थे। सोमवार रात को उनके घर यह दुखद सूचना पहुंची थी। इसके बाद से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर जम्मू से हवाई मार्ग से दिल्ली लाया गया।
कुलदीप मलिक के बेटे नवीन मलिक। घर के बाहर बैठे ग्रामीण। संवाद
यहां पर एम्स में उनके शरीर को रखा गया है। सुबह तीन बजे यहां से पार्थिव शरीर को निकाला जाएगा, और छह बजे रोहतक होते हुए जुलाना में पहुंचेगा। इसके बाद सुबह आठ बजे गांव में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
यूनिट के लोगों ने परिजनों से की मुलाकात
कुलदीप मलिक की यूनिट के कुछ लोगों ने मंगलवार को गांव पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की। बेटे नवीन मलिक ने कहा कि उनकी पिता से हर रोज बात होती थी। सोमवार को पिता ने कहा था कि रक्षाबंधन का त्योहार अच्छे से मनाना। इस पर उसने कहा था कि पापा आजकल खतरा बढ़ गया है, इसलिए आप ध्यान रखना।
बेटा बोला- भारत को लेना चाहिए पाकिस्तान से बदला
बेटे नवीन मलिक ने कहा रोजाना कोई न कोई मां का लाल जम्मू-कश्मीर में बलिदान हो रहा है। भारत को चाहिए कि वह इसका पाकिस्तान से बदला ले। कुलदीप मलिक के चचेरे भाई कृष्ण मलिक ने कहा कि उनका भाई शेर था। ऐसे सपूत पर पूरे गांव को गर्व है। जम्मू-कश्मीर में प्रतिदिन हो रहे इस प्रकार के हादसों से भारत को सबक लेना चाहिए, और पाकिस्तान को सबक जरूर सिखाना चाहिए।
दो माह पहले गए थे ड्यूटी पर
कुलदीप मलिक 1990 में सिपाही के रूप में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह इंस्पेक्टर थे। जल्द ही डीएसपी पदोन्नत होने वाले थे। उनकी रिटायरमेंट के कुछ ही साल बचे थे। वह दो माह पहले छुट्टी पर घर आए थे। कुलदीप जब भी गांव आते, तो पूरे गांव के लोगों से मिलना-जुलना उनका प्रतिदिन का नियम था। सभी लोग उनसे बेहद स्नेह से मिलते थे। उनकी शहादत से हर किसी की आंख नम है।
रात्रि जागरण में भाग लेने था पसंद
कुलदीप मलिक को रात के समय होने वाले जागरणों में भाग लेने बड़ा पसंद था। वह आसपास के गांवों में भी रात्रि जागरणों में जाते थे, और भजन आदि बड़े चाव से सुनते थे। घर पर भी वह देशभक्ति के गीत और जागरण के भजन गाते रहते थे। जब उन्हें पता चलता कि कहीं आसपास रात्रि जागरण होने वाला है, तो वह उसमें सहयोग करने से भी पीछे नहीं हटते थे।

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