Haryana State Narcotics Control Bureau: Website Launched For People Suffering From Drug Addiction, Now Do Self – Amar Ujala Hindi News Live
हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने नशे की लत से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए HSNCB.in नाम की एक नई वेबसाइट लॉन्च की है। इस वेबसाइट पर स्व-मूल्यांकन फॉर्म की सुविधा दी गई है, जिससे व्यक्ति 40 अंकों के स्केल पर अपनी नशे की आदतों का आकलन कर सकते हैं। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलेगी कि क्या उन्हें चिकित्सा सहायता या परामर्श की जरूरत है।
कैसे काम करता है यह टूल
HSNCB.in पर उपलब्ध स्व-मूल्यांकन फॉर्म व्यक्ति की नशे की आदतों, मानसिक और शारीरिक निर्भरता, लक्षणों और दैनिक जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण करता है। मूल्यांकन पूरा होने पर उपयोगकर्ता को 40 में से एक स्कोर मिलता है, जो चार श्रेणियों में विभाजित होता है:
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0-10 (कम जोखिम): कोई या बहुत कम लत के संकेत।
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11-20 (मध्यम जोखिम): लत के शुरुआती संकेत, परामर्श की सिफारिश।
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21-30 (उच्च जोखिम): गंभीर लत के संकेत, चिकित्सीय परामर्श आवश्यक।
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31-40 (गंभीर जोखिम): तत्काल हस्तक्षेप और पुनर्वास की आवश्यकता।
हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का मानना है कि इस संरचित प्रणाली के माध्यम से अधिक से अधिक लोग अपनी वास्तविक स्थिति समझ सकेंगे और समय रहते सही निर्णय लेकर मदद प्राप्त कर सकेंगे।
HSNCB’s Self-Assessment Tool
Struggling with addiction? Know someone who is? 
Take HSNCB’s self-assessment test at https://t.co/bN48Ox88uW to evaluate your addiction risk. It’s private, anonymous & could save a life!
Get clarity
Seek timely help
SEWA & Health…— Haryana Police (@police_haryana) February 15, 2025
SEWA और स्वास्थ्य विभाग के साथ डेटा साझाकरण
हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने स्पष्ट किया है कि मध्यम से गंभीर जोखिम वाले उपयोगकर्ताओं का डेटा सोसायटी फॉर इक्विटेबल वेलफेयर एंड अवेयरनेस और स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा किया जाएगा। इसका उद्देश्य जरूरतमंदों तक समय पर परामर्श और पुनर्वास सेवाएं पहुंचाना है।
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SEWA: गंभीर स्थिति वाले उपयोगकर्ताओं से संपर्क कर उन्हें परामर्श, डिटॉक्स और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करेगा।
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स्वास्थ्य विभाग: इस डेटा का उपयोग राज्य में नशे की प्रवृत्ति को समझने और बेहतर नशामुक्ति योजनाएं तैयार करने के लिए करेगा।
हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने यह भी आश्वासन दिया है कि यह डेटा पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा और इसे केवल सहायता और पुनर्वास उद्देश्यों के लिए ही साझा किया जाएगा, किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई के लिए नहीं।
DGP बोले: “हम सिर्फ कार्रवाई नहीं, जिंदगियां बचा रहे हैं”
हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक (DGP) ने पहल पर बोलते हुए कहा:
“हम केवल कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहे, बल्कि जिंदगियां बचा रहे हैं। यह आत्म-मूल्यांकन उपकरण लोगों को उनकी वास्तविक स्थिति का एहसास कराता है और SEWA व स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि जरूरतमंदों को समय पर सहायता मिले। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है: ओवरडोज से होने वाली मौतों को रोकना।”
दंडात्मक नीति से पुनर्वास की ओर बदलाव
हरियाणा सहित पूरे भारत में वर्षों से नशे के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होती रही है। लेकिन अब HSNCB ने केवल सजा की नीति से हटकर पुनर्वास और सहायता पर ध्यान केंद्रित किया है।
2019 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार:
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भारत की 2.1% जनसंख्या ओपिओइड्स (नशीले पदार्थों) का उपयोग करती है।
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इनमें से 22% लोग अत्यधिक निर्भर होते हैं।
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लगभग 2.3 करोड़ लोग नशेड़ी हैं, जिनमें से 50 लाख लोग गंभीर लत से जूझ रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि नशे से उबरने में सबसे बड़ी बाधा इनकार होती है। अधिकांश लोग यह मानने को तैयार नहीं होते कि उन्हें मदद की जरूरत है। HSNCB.in का स्व-मूल्यांकन फॉर्म इस समस्या को हल करने में मदद करेगा, क्योंकि यह उपयोगकर्ताओं को गोपनीय और सुरक्षित वातावरण में अपनी स्थिति का आकलन करने और सही सहायता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
राष्ट्रीय सहायता सेवाओं से जुड़ाव
हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने इस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर मौजूद सहायता सेवाओं से भी जोड़ा है, ताकि जरूरतमंदों को अधिक संसाधन और सहायता मिल सके। इसके साथ ही सरकार ने पुनर्वास केंद्रों और काउंसलिंग सेवाओं की पहुंच को और अधिक व्यापक बनाने की योजना बनाई है।
नशे के खिलाफ एक नई शुरुआत
हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की यह पहल केवल एक वेबसाइट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यवहारिक परिवर्तन और जीवन बचाने का अभियान है। इसका उद्देश्य है कि नशे के जाल में फंसे लोग खुद अपनी स्थिति समझें और समय रहते सही कदम उठाएं।

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