Haryana: The Family Returning After Celebrating Got Lifelong Sorrow, Three Members Died In The Accident – Amar Ujala Hindi News Live

संदीप व उनकी बेटी खुशी और परी
– फोटो : संवाद
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सोनीपत के गांव रहमाणा में परिवार संग दिवाली की खुशियां मनाकर वापस चंडीगढ़ लौट रहे प्रोफेसर संदीप व दो बेटियों की मौत व पांच सदस्यों के घायल होने से गांव में मातम पसर गया है। प्रोफेसर का परिवार साढ़े तीन दशक पहले चंडीगढ़ में बस गया था, लेकिन हर त्योहार पर परिवार के सदस्य गांव में आकर खुशियां मनाते थे। दिवाली मनाकर लौट रहे थे कि कुरुक्षेत्र में हुए हादसे ने तीन सदस्यों को सदा के लिए परिवार से जुदा कर दिया।
गांव रहमाणा निवासी सुरेंद्र को करीब साढ़े तीन दशक पहले चंडीगढ़ उपायुक्त कार्यालय में नियुक्ति मिली थी। इसके बाद परिवार गांव से आकर चंडीगढ़ के सेक्टर-7 में रहने लगा था। एक दशक पहले बड़े बेटे संदीप को चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में नियुक्ति मिल गई। संदीप की शादी सोनीपत के गांव खांडा की लक्ष्मी से हुई थी।
लक्ष्मी ने खानपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की थी। वह भी करीब एक दशक से ही चंडीगढ़ हाईकोर्ट में वकालत कर रही हैं। संदीप व लक्ष्मी के पास बेटी खुशी (6) व परी (4) वर्ष थी। वहीं संदीप की मां सुदेश गृहिणी हैं।
भाई सुशील चंडीगढ़ में ही चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट यूनिट में चालक हैं और उनकी पत्नी आरती निजी स्कूल में अध्यापिका हैं। उनके पास बेटा यश (10) है। परिवार के सभी आठ सदस्य दिवाली पर्व पर पैतृक गांव रहमाणा में खुशियां मनाने आए थे। तीन दिन तक कुनबे के सदस्यों संग खूब मस्ती करने के बाद परिवार के सदस्य शनिवार देर रात को लौट रहे थे। तभी हादसे ने संदीप, बेटी खुशी व परी की जिंदगी लील ली। पत्नी व मां की हालत भी गंभीर बनी है। गाड़ी चला रहे सुशील, उनकी पत्नी आरती व बेटे यश को भी चोट लगी है।
हर खुशी मनाने गांव में आता था परिवार
सुरेंद्र को गांव से गए हुए साढ़े तीन दशक का लंबा समय बीत चुका था। उसके बाद परिवार अपनी जड़ों से अलग नहीं हुआ था। ग्रामीणों का कहना है कि हर त्योहार पर सुरेंद्र परिवार के सदस्यों को लेकर गांव में आते थे। परिवार के सदस्यों का सौम्य व्यवहार हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता था। परिवार पर दुख का पहाड़ टूटा तो पूरे गांव में मातम पसर गया।
एक साल पहले हो गई थी सुरेंद्र की मौत
सुरेंद्र का निधन एक साल पहले नवंबर में ही हुआ था। पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी संदीप के कंधों पर आ गई थी। हादसे में परिवार के तीन सदस्यों के निधन से हंसता खेलता परिवार बिखर गया।

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