Havaldar Naval Kishore Who Martyred In Siachen Glacier Was Cremated With Military Honours – Amar Ujala Hindi News Live

हवलदार नवल किशोर की पार्थिव देह कांगनी हैलिपेड में पहुंचने पर सलामी देते सेना के जवान।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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सियाचिन में बलिदान हुए कोटली उपमंडल की पंचायत सदोह के गांव जलौन निवासी 7 जैक राइफल के हवलदार नवल किशोर की पार्थिव देह देख हर किसी की आंख नम हो गई। किन्नौर के टापरी में पुलिस में सेवाएं दे रहीं पत्नी श्वेता का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी ने लाल जोड़ा पहन दुल्हन के लिबास में बलिदानी पति को अंतिम विदाई दी। डेढ़ साल पहले दोनों की शादी हुई थी। अपने हाथों की चूड़ियों को देख श्वेता सिर पर हाथ रखकर नम आंखों से यही कहती रहीं कि जवानी में छोड़कर तुम कहां चले गए। मां यही कहती रहीं कि नवलू बेटा हमें छोड़कर कहां चला गया।
सेना के अनुसार सोमवार को डयूटी के दौरान हार्ट अटैक आने के बाद नवल किशोर की तबीयत बिगड़ और फिर उन्हें बचाया नहीं जा सका। सियाचिन से जवान की पार्थिव देह मंगलवार दोपहर को सेना के हेलिकॉप्टर में कांगनी स्थित हेलीपैड पहुंची। यहां से सेना के वाहन में करीब तीन बजे भारत माता के जयकारों के बीच पार्थिव देह उनके पैतृक गांव जलौन लाई गई। यहां जवान को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। बलिदानी जवान को तिरंगे में लिपटा देख परिजनों और ग्रामीणों में चीखपुकार मच गई। आंगन में बेटे की पार्थिव देह को देखकर माता अतरा देवी और पिता भगत राम बेसुध हो गए। इससे पहले जलौन पहुंचने पर स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने सेना के वाहनों पर फूल चढ़ाए।
साथ ही भारत माता की जय, नवल किशोर अमर रहे और जब तक सूरज चांद रहेगा, नवल तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए। उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा। सियाचिन से उनके पार्थिव शरीर को लेकर आए सेना के उच्च स्तर के अधिकारियों और सेना की टुकड़ी ने बलिदानी को सशस्त्र सलामी दी। इस दौरान मंडी जिला के प्रशासन अधिकारी एडीएम मंडी मदन ठाकुर समेत कोटली के एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने भी उन्हें सलामी दी। शहीद का अंतिम संस्कार कलोथर खड्ड में किया गया। मुखाग्नि छोटे भाई सुनील कुमार ने दी। वह भी सेना में भर्ती है और झारखंड के रांची में सेवाएं दे रहे हैं। इन दिनों घर आए थे।

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