Himachal News:बीबीएमबी में राज्य सरकार की हिस्सेदारी के मामले की सुनवाई अगस्त में निर्धारित – Hearing On Himachal Govt’s Stake In Bbmb Issue Fixed In August

बीबीएमबी में हिस्सेदारी मामला
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में राज्य सरकार की हिस्सेदारी के मामले की सुनवाई अगस्त के अंतिम सप्ताह में निर्धारित की है। 26 और 27 जुलाई को अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए लगातार सूचीबद्ध रहे मामले पर समय के अभाव के कारण सुनवाई नहीं हो पाई। हालांकि, केंद्र सरकार ने अदालत से इस मामले पर मध्यस्थता करने का आग्रह किया था। राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने केंद्र सरकार के आग्रह का विरोध किया और अदालत को बताया कि इस मामले में कई बार मध्यस्थता विफल हो चुकी है।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू करने के लिए आवेदन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने बीबीएमबी के बिजली की परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 27 सितंबर 2011 को पारित निर्णय के तहत पहली नवंबर 1966 से छह प्रतिशत ब्याज के साथ 7.11 फीसदी तय की थी। इसके अतिरिक्त हिमाचल की दावेदारी तय करते हुए अदालत ने पंजाब और हरियाणा को पांच-पांच लाख रुपये की कॉस्ट लगाई थी। इसके हिसाब से बीबीएमबी की ओर से हिमाचल को 1306.6 करोड़ यूनिट बिजली मुफ्त में देनी बकाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बीबीएमबी परियोजनाओं के कुल उत्पादन की 7.11 फीसदी हिस्सेदारी के लिए हिमाचल को हकदार ठहराया था। इसके तहत भाखड़ा-नंगल में 6.095 फीसदी, ब्यास-एक में 5.752 फीसदी और ब्यास-दो में 2.984 फीसदी हिस्सेदारी तय की थी। इसके लिए अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिए थे कि वह हिमाचल की हिस्सेदारी का विवरण अदालत को सौंपे और यह बताने के आदेश दिए गए थे कि पंजाब और हरियाणा ने हिमाचल प्रदेश को अक्तूबर 2011 तक कितनी राशि देनी है। अदालत के इन आदेशों की अनुपालना के लिए राज्य सरकार ने 7 अगस्त 2012 को आवेदन दायर किया था।
राज्य सरकार की ओर से अदालत के समक्ष मजबूत पक्ष रखा है। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए वकील की ओर से अदालत के समक्ष लगाई गई गुहार का कड़ा विरोध किया। केंद्र सरकार ने इस मामले में सभी राज्यों के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की थी। केंद्र सरकार की ओर से बार-बार समय मांगने के कारण हिमाचल की दावेदारी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में बेवजह देरी हो रही है। – अनूप रतन, राज्य सरकार के महाधिवक्ता

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