Himachal News:मंडी के बल्ह में अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर फंसा पेच, जाहू दिया विकल्प – Screw Stuck In Construction Of International Greenfield Airport In Mandi’s Balh, Agreement On Jahu Of Hamirpur

ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बल्ह
– फोटो : अमर उजाला
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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बल्ह में अंतरराष्ट्रीय ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने में पेच फंस गया है। इस प्रस्तावित हवाई अड्डे की सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट में हमीरपुर के जाहू में एयरपोर्ट बनाने की सहमति दर्ज की गई है। इसमें तकनीकी टीम के सुझाव के बाद परियोजना के लिए वैकल्पिक स्थान जाहू बदलने के विकल्प को सही बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार बल्ह क्षेत्र के मुकाबले में जाहू में कम लोगों के आवास प्रभावित होंगे। इससे विस्थापन की समस्या भी कम होगी। मंडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए इस सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट को हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) ने एसआर एशिया नामक सर्वेक्षण एजेंसी से तैयार करवाया है। रिपोर्ट के अनुसार प्रभावित क्षेत्र के निवासियाें, पंचायत और बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के सदस्यों से बात करने पर मालूम हुआ है कि प्रभावित क्षेत्र की भूमि फसल उत्पादन के लिए ज्यादा उपजाऊ है। किसान नकदी फसल के रूप में सब्जियां उगाते हैं।
यहां हवाई अड्डा बनने से क्षेत्र में सब्जी उत्पादन में कमी आएगी। इसलिए लोगों ने परियोजना के लिए वैकल्पिक स्थान जाहू बताया है। जाहू की दूरी बल्ह से लगभग 35 किलोमीटर, मंडी से 46 किलोमीटर, हमीरपुर से 42 और बिलासपुर से 47 किलोमीटर है। रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण टीम के सदस्यों ने संबंधित क्षेत्र के लेखपाल और कानूनगो के साथ जाहू क्षेत्र का दौरा किया तो पाया कि यहां की भूमि पथरीली है और बल्ह के मुकाबले कम उपजाऊ है। यहां विस्थापन भी कम होगा। हालांकि इस क्षेत्र में खड्ड के प्रभावित होने से जलभराव की समस्या होगी। इसलिए सामाजिक प्रभाव आकलन टीम ने सुझाव दिया है कि स्थल चयन के लिए तकनीकी टीम के सुझाव के बाद ही परियोजना के लिए वैकल्पिक टीम का स्थान जाहू किया जाए। एजेंसी के अंतरराष्ट्रीय निदेशक बीरेंद्र रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि टीम ने उपायुक्त मंडी, एसडीएम बल्ह, परियोजना प्रभावित परिवारों, राजस्व, भूमि सुधार विभाग और पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया है।
33.01 प्रतिशत लोगों के आवास और व्यवसाय दोनों हो सकते हैं प्रभावित
रिपोर्ट के अनुसार 11.50 प्रतिशत भू स्वामियों के आवास, 21.06 प्रतिशत का व्यवसाय और 33.01 प्रतिशत के आवास और व्यवसाय दोनों ही प्रभावित हो सकते हैं। शत-प्रतिशत भू स्वामियों ने रेट बाजार मूल्य से कम होने की आशंका जताई। 97.44 प्रतिशत ने भूमि का अत्याधिक उपजाऊ होना, 77.08 प्रतिशत ने जीविकोपार्जन से नुकसान, 63.12 ने भूमि के अधिक मूल्यवान होने, 68.92 ने बेरोजगारी के भय और 52.08 प्रतिशत ने ग्राम से पलायन की बात की। 41.66 प्रतिशत ने पूर्वजों की भूमि होने की भी बात की। हालांकि 68.64 प्रतिशत ने जमीन देने में सहमति और 23.45 प्रतिशत ने असहमति जताई है। 7.91 प्रतिशत ने स्पष्ट राय नहीं दी।
रिपोर्ट एक विशेषज्ञ समूह के समक्ष रखी जाएगी, वही तय करेगा कि क्या करना है। इस रिपोर्ट में वह सब अंकित किया जाता है, जो स्थानीय लोग और अन्य स्टेकहोल्डर कहते हैं। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने से संबंधित अंतिम राय इसी विशेषज्ञ समूह से आएगी।- देवेश कुमार, प्रधान सचिव, पर्यटन

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