Himachal News 125 Species Of Invasive Plants Have Been Identified Spreading Rapidly And Destroying Vegetation – Amar Ujala Hindi News Live

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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प्रदेश में आक्रामक पौधों की प्रजातियों का तेजी से फैलाव देसी पौधों, विशेष रूप से औषधीय पौधों के लिए गंभीर खतरा बन रहा है। प्रमुख आक्रामक प्रजातियों में विसादूरी ,घनेरी और गाजर घास शामिल है। बोटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के शोध से पता चलता है कि लैंटाना कैमरा जिसे घनेरी और एग्रेटम कोनज़ोइड्स जिसे विसादूरी बुलाया जाता है, यह प्रजातियां शुरुआती दिनों में सुंदर फूलों और आकर्षक पत्तों के कारण बागवानी के लिए पेश की गईं थीं। इन्हें घरों और बगीचों को सजाने के लिए उपयोग किया गया।
इसके अलावा इन पौधों को बागों की सुंदरता बढ़ाने और परिवेश को जीवंत बनाने के लिए भी लगाया गया था। लेकिन समय के साथ, इनका फैलाव इतना बढ़ गया कि वे अब स्थानीय पारिस्थितिकी के लिए एक खतरा बन गए हैं। घनेरी जैसे पौधे घने झुरमुटों बनाते हैं, जो स्थानीय वनस्पतियों के लिए आवश्यक संसाधनों, जैसे कि पोषक तत्व और प्रकाश के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। इसके परिणामस्वरूप अन्य स्वदेशी पौधों की वृद्धि बाधित होती है। इससे जैव विविधता में कमी आती है। पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस या गाजर घास रासायनिक तत्वों के माध्यम से अपने आसपास की वनस्पतियों को दबा देता है।
बंजर भूमि में पनपते हैं 44 प्रतिशत आक्रामक पौधे
जीबी पंत के पर्यावरण विशेषज्ञों के किए अध्ययन में राज्य भर में 125 आक्रामक पौधों की पहचान की गई है। इनमें से अधिकांश प्रजातियां अमेरिका से आई हैं। ये पौधे स्थानीय वनस्पतियों से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान हो रहा है और मिट्टी की संरचना में बदलाव आ रहा है। अध्ययन के अनुसार 44 प्रतिशत आक्रामक पौधे बंजर भूमि में पनपते हैं, जबकि 20 प्रतिशत खेती वाले क्षेत्रों में, 16 प्रतिशत सड़कों के किनारे और 9 प्रतिशत जंगलों में फैलते हैं।

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