Himachal News Ratio System Ends Promotion Will Be Based On Seniority Only – Amar Ujala Hindi News Live
हिमाचल प्रदेश में अब प्रधानाचार्यों की संयुक्त वरिष्ठता सूची तैयार होने के बाद ही शिक्षा उपनिदेशक के पद पर पदोन्नति हो पाएगी।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विस्तार
प्रदेश में शिक्षा उपनिदेशक के पद पर अनुपात के आधार पर होने वाली पदोन्नति प्रणाली को प्रदेश उच्च न्यायालय शिमला ने खत्म कर दिया है। अब प्रधानाचार्यों की संयुक्त वरिष्ठता सूची तैयार होने के बाद ही शिक्षा उपनिदेशक के पद पर पदोन्नति हो पाएगी। प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस मामले में वादी और प्रतिवादी की दलीलें सुनने के बाद वादी स्कूल प्रधानाचार्य के पक्ष में फैसला सुनाया है।
उच्च न्यायालय से वादी के पक्ष में फैसला आने के बाद शिक्षा उपनिदेशक के पदों पर होने वाली पदोन्नति प्रक्रिया में लगा स्टे भी हटा दिया गया है। सितंबर 2022 में वादी और शिक्षा विभाग की दलीलें सुनने के बाद प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिक्षा उपनिदेशकों की पदोन्नति की आगामी प्रक्रिया पर रोक लगाई थी। 23 अगस्त को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंठपीठ ने यह फैसला सुनाया है।
वादी का कहना था कि शिक्षा उपनिदेशक के पद पर मुख्याध्यापक और स्कूल लेक्चरर से 60:40 के अनुपात में पदोन्नति की जा रही थी। क्योंकि इस प्रणाली से जूनियर को शिक्षा उपनिदेशक बनाया जा रहा था, जो गलत है। जब कोई स्कूल प्रधानाचार्य के पद पर सेवारत होता है तो उसके बाद शिक्षा उपनिदेशक के पद पर पदोन्नति संयुक्त वरिष्ठता सूची के आधार पर होनी चाहिए। इसके चलते उन्होंने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। प्रदेश उच्च न्यायालय ने वादी की दलीलों से सहमत होने के बाद 60:40 के अनुपात में पदोन्नति प्रणाली को खारिज कर दिया है। अब वरिष्ठता के आधार पर ही पदोन्नति होगी।

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