
सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : Meta
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निजी आर्किटेक्ट को शहरी निकायों में दी गईं नक्शा पास करने की शक्तियां छीनी जा सकती हैं। सरकार को ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि नक्शा पास करते समय टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के नियमों को नजरअंदाज किया जा रहा है। इसमें कई गड़बड़ियां पाई जा रही हैं।
टीसीपी का भी मानना है कि इससे अवैध निर्माण को बढ़ावा मिल सकता है। ऐसे में नक्शों को पास करने की शक्तियां निजी आर्किटेक्ट से वापस लेकर शहरी निकायों और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को दिया जा सकता है। 16 नवंबर को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में इस मामले पर चर्चा संभावित है।
सरकार ने नक्शा पास करने के लिए नगर निगम और नगर निकायों के लिए एक ही पोर्टल तैयार किया है। इसमें निजी आर्किटेक्ट की ओर से पास किए गए नक्शों को अपलोड किया जाता है। 500 स्क्वेयर मीटर तक नक्शा पास करने की शक्तियां निजी प्लालनरों के पास हैं। शहर में हर साल एक हजार से ज्यादा नक्शे पास होते हैं। इसके अलावा भवनों के संशोधित यानी रिवाइज नक्शे भी शहरी निकाय जारी करते हैं।
उल्लेखनीय है कि नक्शा पास करने की शक्तियां देने से पहले सरकार ने नियमों में संशोधन किया है। इसमें कहा गया है कि अगर निजी प्लानर नियमों के विपरीत नक्शे पास करते हैं तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। नक्शा पास करने की पूरी जिम्मेदारी भवन मालिक और निजी प्लानरों की होगी। सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक कोर और प्रतिबंधित एरिया में नक्शे पास करने की शक्तियां टीसीपी व शहरी निकायों के पास हैं।

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