घर किसी भी व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी खरीदारी होती है। यह एक भारी-भरकम खर्चा होता है। इसलिए ज्यादातर लोग घर खरीदने के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं। होम लोन सबसे लंबी अवधि का लोन होता है। आमतौर पर बैंक 30 साल तक की अवधि का होम लोन ऑफर करते हैं। हालांकि, होम लोन की ब्याज दर सबसे कम होती है। अगर आप होम लोन के लिए आवेदन करने जा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि बैंक कई सारे चार्जेज भी लेते हैं। आइए जानते हैं कि ये कौन कौन से चार्जेज होते हैं।
आवेदन शुल्क
यह शुल्क आपके होम लोन आवेदन की प्रोसेसिंग के लिए लिया जाता है। चाहे आपको लोन मिले या न मिले, यह फीस लगती ही है। यह फीस रिंफडेबल नहीं होती है। अगर किसी बैंक या एनबीएफसी में आप लोन आवेदन जमा कर देते हैं और इसके बाद आपका इरादा बदल जाता है, तो आपकी ऐप्लिकेशन फीस बर्बाद हो जाएगी। इसलिए एप्लीकेशन देने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपको किस बैंक या एनबीएफसी से लोन लेना है। एप्लिकेशन फीस को लोन ऐप्लिकेशन के साथ ही एडवांस में लिया जाता है। हालांकि, कुछ बैंक इस फीस के एक हिस्से को लोन ऐप्लिकेशन के साथ अदा करने और बाकी को लोन मिलने से पहले देने की सुविधा देते हैं।
मॉर्गिज डीड फीस
यह फीस होम लोन का चुनाव करते समय लगती है। आमतौर पर यह होम लोन के पर्सेंटेज के रूप में होती है और लोन लेने के लिए अदा की जाने वाली कुल फीस राशि का यह एक बड़ा हिस्सा होती है। कुछ संस्थान होम लोन प्रॉडक्ट को अधिक आकर्षक बनाने के लिए इस चार्ज को माफ कर देते हैं।
लीगल फीस
बैंक या NBFC आमतौर पर प्रॉपर्टी की कानूनी स्थिति की छानबीन के लिए बाहरी वकीलों को हायर करते हैं। इसके लिए वकील जो फीस लेते हैं, वह वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों से वसूलते हैं। लेकिन, अगर इस प्रॉपर्टी को संस्थान ने पहले ही कानूनी रूप से मंजूरी दे दी है, तो यह चार्ज नहीं लगता है।
कमिटमेंट फीस
कुछ बैंक या NBFC लोन की प्रोसेसिंग और मंजूरी हो जाने के बाद एक निर्धारित टाइम लिमिट में लोन नहीं लेने की स्थिति में कमिटमेंट फीस वसूलते हैं। यह एक ऐसी फीस है जो अवितरित लोन पर वसूली जाती है। यह फीस आमतौर पर मंजूर और वितरित राशि के बीच अंतर के एक फीसदी के रूप में वसूला जाता है।
प्रीपेमेंट पेनाल्टी
प्रीपेमेंट का मतलब है कि लोन धारक पूरा या बाकी लोन अवधि समाप्त होने से पहले ही जमा कर देता है। इससे बैंक को ब्याज दर का नुकसान होता है, इसलिए कुछ हद तक इस नुकसान की भरपाई के लिए बैंक पेनल्टी लगाते हैं। अलग-अलग बैंकों में ये चार्ज अलग होते हैं।

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