Inauguration Of Parvatraj Maikal Parikrama, Crowd Of Devotees Gathered In Seven Day Journey – Anuppur News

यात्रा में शामिल श्रद्धालु तथा पूजा अर्चना करते साधु संत
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कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर शुक्रवार को पवित्र नगरी अमरकंटक से पर्वतराज मैकल परिक्रमा का शुभारंभ हुआ। यह सात दिवसीय यात्रा मां नर्मदा की पालकी के साथ भक्ति और उत्साह के माहौल में शुरू हुई। परिक्रमा की शुरुआत गणेश धुना से सुबह 11 बजे माई की बगिया के लिए प्रस्थान के साथ हुई। मां नर्मदा के जयघोष और भजनों के बीच श्रद्धालुओं ने मां रेवा की पूजा-अर्चना कर यात्रा का संकल्प लिया।
इस 100 किलोमीटर लंबी यात्रा का आयोजन स्वामी भगवान दास जी के निर्देशन में किया गया है। यात्रा का संरक्षण परमहंस संत स्वामी सीताराम जी महाराज कर रहे हैंं। यह यात्रा नर्मदा पुराण में वर्णित पर्वतराज अमरकंटक की परिक्रमा पर आधारित है। स्वामी भगवान दास जी ने बताया कि अमरकंटक तीनों लोकों में प्रसिद्ध है और इसे हजारों ऋषि-मुनियों की तपस्थली माना जाता है। श्रद्धापूर्वक परिक्रमा करने वाले भक्तों को पृथ्वी की परिक्रमा के समान पुण्य प्राप्त होता है।
अनूपपुर डिंडोरी और छत्तीसगढ़ के कई ग्रामों से होकर गुजरेगी यात्रा
यात्रा के पहले दिन श्रद्धालु माई की बगिया से रामघाट पहुंचे और वहां भजन-कीर्तन एवं भोजन के बाद ग्राम जगतपुर करंजिया में रात्रि विश्राम किया। आगामी दिनों में यात्रा जोगी कुंड, जलेश्वर महादेव तीर्थ, पकरिया, माई के मंडप, और आमाडोब से होती हुई 21 नवंबर को गणेश धुना, अमरकंटक में समाप्त होगी।
यात्रा के अंतिम दिन कन्या पूजन, हवन, और भंडारे का आयोजन होगा।
यात्रा के दौरान संत-महात्माओं और भक्तों की उपस्थिति से माहौल भक्तिमय बना हुआ है। विभिन्न संतों ने मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर भक्तों को आशीर्वाद दिया। इस आयोजन से क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ है। पर्वतराज मैकल की परिक्रमा के प्रति श्रद्धालुओं का उत्साह दर्शाता है कि यह यात्रा न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखती है। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु और साधु संत भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
यात्रा में शामिल श्रद्धालु तथा पूजा अर्चना करते साधु संत

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