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Indira ekadashi mahatva narad ji told pitru paksh shradh and indira ekadashi vrat vidhi Indira ekadashi Vrat Vidhi: इंदिरा एकादशी व्रत और तर्पण से पितरों को मिलता है विष्णुधाम, नारद जी ने बताई है व्रत विधि, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़


Indira ekadashi mahatva: पितृपक्ष में इंदिरा एकादशी का व्रत पड़ता है। इस व्रत के महात्मय में नारद जी ने श्राद्ध और पितरों को विषणुधाम पहुंचाने वाले इस व्रत के बारे में बताया है। आइए जानें इस व्रत की विधि के बारे में

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 25 Sep 2024 11:27 AM
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Indira ekadashi mahatva: पितृपक्ष यानी अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को  इंदिरा एकादशी का व्रत पड़ता है। इस व्रत के महात्मय में नारद जी ने श्राद्ध और पितरों को विष्णुधाम पहुंचाने वाले इस व्रत के बारे में बताया है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने और श्राद्ध करने से पितर तृप्त होकर भगवान के धाम को जाते हैं। इस साल इंदिरा एकादशी व्रत 28 सितंबर को रखा जाएगा।  एकादशी तिथि 27 सितंबर 2024 को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन 28 सितंबर 2024 को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक रहेगी।आइए जानें इस व्रत की विधि के बारे में

इंदिरा एकादशी के महात्म्य में नारद जी ने इस व्रत की विधि और पितरों के विष्णुधाम जाने का मार्ग बताया है। उन्होंने बताया है कि इस व्रत से एक दिन पहले स्नान करो, एक समय भोजन करो और रात को भूमि पर सो जाओ। इसके बाद अगले दिन दातुन करके मुंह धोएं और इस मंत्र को पढ़कर व्रत का नियम ग्रहण करो

अघ स्थित्वा निराहारः सवभोगिवविर्जितः ।

श्र्वो भोक्ष्ये पुण्डरीकाक्ष शरणं मे भवाच्युत ॥

इस श्लोक के अनुसार कमलनयन भगवान नारायण, आज मैं सब भोगों से अलग रहकर कल भोजन करूंगा, अच्युत आप मुझे शरण दें। इसके बाद उनसमें श्राद्ध का भी महत्व भी बताया गया है कि मध्यह्नकाल में पितृ की प्रसन्नता के लिए शालिग्राम शिला के सम्मुख विधिपूर्वक श्राद्ध करना चाहिए और ब्रह्मणों को भोजन कराना चाहिए। पितरों को दिए गए अन्नमय पिंड को गाय को खिराएं और धूप द्वीप जलाकर भगवान की पूजा करें। इसके बाद अगले दिन द्वादशी पर भगवान श्रीहरि की पूजा करके ब्राह्मणों को भोजन करने के बाद खुद भी भोजन करें। ऐसे व्रत करने से आपके पितर भी विष्णु जी के बैकुंठधाम को चले जाएंगे।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।



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