
शहर के 175 शिक्षकों का सम्मान कार्यक्रम।
– फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर
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इंदौर में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले 175 शिक्षकों के लिए नगर निगम ने सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया। सामान्य प्रशासन प्रभारी नंदकिशोर पहाडिया ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हुए शोभा पैठनकर पूर्व सदस्य म.प्र. लोक सेवा आयोग, डॉ. सचिन शर्मा प्राध्यापक आईएमएस देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, मंत्री तुलसीराम सिलावट एवं महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा रविन्द्र नाटय गृह में इंदौर में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले 175 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सभी शिक्षकों को शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र, मोमेन्टो दिया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों के साथ ही समस्त शिक्षकों द्वारा साथ में भोजन भी किया गया।
इस अवसर पर सत्यनारायण सत्तन गुरु, पूर्व विधायक गोपी कृष्ण नेमा, महापौर परिषद सदस्य, जिला शिक्षा अधिकारी सुषमा वैश्य, अपर आयुक्त मनोज पाठक समेत बड़ी संख्या में विभिन्न विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षाविद मौजूद रहे। म.प्र. लोक सेवा आयोग की पूर्व सदस्य शोभा पैठनकर ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हुए आज हम सभी शिक्षकों का सम्मान करने जा रहे हैं, शिक्षक का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रहता है, शिक्षक विद्यार्थी के चरित्र को चरित्रार्थ करने में सहयोग करता है, गुरु व्यक्तित्व निर्माण के साथ ही कठिन परिस्थिति में कार्य करने व कठिनाई का सामना करना भी सिखाता है, जिससे शिक्षकों की शिक्षा अनंतकाल तक प्रभावित रहती है।
संजीवनी क्लीनिक इसी महीने शुरू होंगे, सरकारी स्कूलों के भवनों को नई पहचान देंगे
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि आज राष्ट्र के गौरव हमारे सम्मान शिक्षकों का सम्मान होने जा रहा है, मैं सभी गुरुजन को प्रणाम करता हूं। इस भारत देश की बुनियाद, आधारशीला व निर्माण में अग्रसर गुरुजन हैं। ऐसे सम्मानीय गुरुजन के भारत निर्माण में योगदान के परिणाम स्वरूप भारत विश्व में अपना नेतृत्व कर रहा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि आज देश के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हुए, शिक्षकों का सम्मान किया जा रहा है, मैं सभी शिक्षको को सादर वंदन करता हूं। इंदौर में इसी माह 5 संजीवनी क्लीनिक को प्रारम्भ किया जा रहा है, साथ ही इंदौर के जितने भी शासकीय स्कूल हैं उन्हें रिडेनसिफिकेशन के माध्यम से बेहतर शिक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। शासकीय स्कूल भवनों को नई पहचान देने का काम किया जाएगा।
शिक्षाविद सत्यनारायण सत्तन गुरु ने कहा कि जो बोर्ड पर लिखा अपना ही मिटाकर एक नई इबारत लिखता है, ऐसे गुरु को मेरा प्रणाम, उन्होने कहा कि गुरु को जब गर्व महसूस होता है, जब वह किसी बाजार में चल रहा हो, और सामने से उसका शिष्य आए उसकी चरण वंदना करता है। तब वह सम्मान उसके लिए सबसे बड़ा होता है। शिक्षक को किसी सहारे की जरूरत नहीं होती है, उन्होंने कहा कि गुरु कभी लघु नहीं होता है, जो लघु हो जाए वह शिक्षक नहीं होता है। जीवनकाल में तमाम विपदा को सहन करते हुए, भी शिक्षक राष्ट्र निर्माण में लगा रहता है, ऐसे शिक्षकों को मेरा नमन।

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