पिछले चार वर्षों में 90 लाख से अधिक अपडेटेड आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जिससे सरकारी खजाने को 9,118 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में सोमवार को यह जानकारी दी गई। पीटीआई की खबर के मुताबिक, स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने 2022 में करदाताओं के लिए अतिरिक्त आयकर का भुगतान करके संबंधित आकलन वर्ष से 2 वर्ष तक अपडेटेड आईटी रिटर्न (आईटीआर-यू) दाखिल करने का विकल्प पेश किया था।
28 फरवरी तक 4.64 लाख अपडेटेड आईटीआर दाखिल
खबर के मुताबिक, वित्त विधेयक, 2025 के जरिये, सरकार ने संबंधित आकलन वर्ष से अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को 4 वर्ष तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। चालू आकलन वर्ष (2024-25) में 28 फरवरी तक 4.64 लाख अपडेटेड आईटीआर दाखिल किए गए हैं और 431. 20 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया गया है। आकलन वर्ष 2023-24 में 29. 79 लाख से अधिक ITR-U दाखिल किए गए और 2,947 करोड़ रुपये अतिरिक्त टैक्स का भुगतान किया गया।
91.76 लाख से अधिक ITR-U दाखिल
आकलन वर्ष 2022-23 और आकलन वर्ष 2021-22 में 40. 07 लाख और 17. 24 लाख अपडेटेड ITR दाखिल किए गए और अतिरिक्त 3,940 करोड़ रुपये और 1,799. 76 करोड़ रुपये टैक्स का भुगतान किया गया। कुल मिलाकर, आकलन वर्ष 2021-22 से आकलन वर्ष 2024-25 के बीच 91.76 लाख से अधिक ITR-U दाखिल किए गए, जिससे सरकार को 9,118 करोड़ रुपये का अतिरिक्त टैक्स प्राप्त हुआ।
31 जुलाई तक रिकॉर्ड आईटीआर फाइलिंग
बीते 31 जुलाई की निर्धारित समयसीमा तक रिकॉर्ड 7.28 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है। कर विभाग के मुताबिक आकलन वर्ष 2024-25 के लिए रिकॉर्ड 7.28 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए हैं। पिछले साल 6.77 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे। आकलन वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से नयी कर व्यवस्था के तहत 5.27 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं। वहीं पुरानी कर व्यवस्था में दाखिल रिटर्न की संख्या 2.01 करोड़ है।
