
सुनाम में धरना
– फोटो : संवाद
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सोमवार को सुनाम में तेज रफ्तार कैंटर की चपेट में आने से चार मजदूरों की मौत मामले में इंसाफ दिलाने के लिए चल रहे आंदोलन में मंगलवार शाम को नया मोड़ आ गया। प्रशासन के भरोसे के बाद दो मजदूरों गुरदेव कौर और छोटा सिंह के परिवारों ने खुद को इस आंदोलन से अलग कर लिया। दोनों मृतकों के परिवारों ने पोस्टमार्टम कराने के बाद मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया।
एसडीएम प्रमोद सिंगला ने कहा कि दो परिवार भरोसे के बाद पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार के लिए सहमत हो गए हैं। शेष दो परिवारों से भी आग्रह है कि प्रशासन उनके साथ है। वे आंदोलन खत्म कर दें।
दूसरी तरफ इंसाफ की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों का चक्का जाम व धरना प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान आंदोलनकारियों ने कुछ सियासी नेताओं पर पीड़ितों को इंसाफ दिलाने व एकता को भंग करने के आरोप लगाए। इससे पहले सोमवार की रात भी आंदोलन जारी रहा था। संगठनों ने सुनाम पटियाला मुख्य सड़क पर चक्काजाम कर पक्का धरना लगा दिया है।
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां समेत कई संगठन आंदोलन में कूद पड़े हैं और इंसाफ के लिए एक्शन कमेटी गठित की है। उगराहां यूनियन ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मांगें मान पर पीड़ित परिवारों को इंसाफ नहीं दिया तो बुधवार से तीखा संघर्ष होगा और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। यूनियन के जिला अध्यक्ष अमरीक सिंह गंडुआं व ब्लाक अध्यक्ष जसवंत सिंह तोलावाल, मजदूर संगठन के धर्मपाल नमोल, प्रकट कालाझाड, गोबिंद सिंह छाजली, हरपरीत कौर धूरी, वरिंदर कौशिक, भोला सिंह संगरामी ने मांग की कि पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये मुआवज़ा, सरकारी नौकरी और कर्ज माफ किया जाए। मजदूरों की सुरक्षा यकीनी बनाई जाए।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार का कोई कैबिनेट मंत्री यहां पहुंच कर लिखित आश्वासन दे। उन्होंने कहा कि इंसाफ नहीं मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। एसपी पलविंदर सिंह ने आंदोलनकारियों से बातचीत की लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ सकी।

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