Jabalpur Give Compassionate Appointment To The Son Of A Medically Unfit Bank Employee – Jabalpur News
मेडिकली अनफिट होने के कारण नौकरी से वंचित युवक को आखिरकार हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि उसे अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ अपने अहम आदेश में मेडिकली अनफिट होने के कारण स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले बैंक कर्मी के पुत्र को क्लर्क के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं। एकलपीठ ने इसके लिए दो माह की समय सीमा निर्धारित की है।
याचिकाकर्ता सागर निवासी बिलाल अख्तर बेहना की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उसके पिता मोहम्मद इकबाल सेंट्रल बैंक, सागर की शाखा में विशेष सहायक बतौर पदस्थ थे। मेडिकली अनफिट होने पर उन्होंने 55 वर्ष की आयु में वीआरएस लेते हुए याचिकाकर्ता पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने का आवेदन प्रस्तुत कर दिया। उसके पिता के आवेदन को बैंक प्रशासन ने इस आधार पर निरस्त कर दिया कि उसे सेवानिवृत्ति के लाभ प्रदान कर दिए गए हैं। जिसके कारण उक्त याचिका दायर की गई है।
याचिका में कहा गया था कि उसके पिता ने 30 वर्षों से अधिक समय तक बैंक में सेवा प्रदान की है और नियमानुसार उसका पुत्र अनुकंपा नियुक्ति का हकदार है। याचिकाकर्ता पुत्र 23 वर्षीय का है और उसने स्नातक किया है। याचिकाकर्ता अविवाहित व बेरोजगार है। पिता का मिलने वाले सेवानिवृत्ति लाभ के नाम पर उसे अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है। युवा पुत्र होने के कारण परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी का दायित्व उसके कंधों पर है। याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के पक्ष में राहतकारी आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता नर्मदा प्रसाद चौधरी ने पैरवी की।

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