Jaipur News: Bhaiyaji Joshi Stressed On The Unity Of The Society In The Rss’s Path Sanchalan Program – Amar Ujala Hindi News Live – Jaipur News:rss का पथ संचलन, भैयाजी जोशी बोले

विजयदशमी पर RSS का पथ संचलन कार्यक्रम।
– फोटो : अमर उजाला
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विजयदशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने त्रिवेणी नगर में पथ संचलन का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश (भैयाजी) जोशी ने कहा कि भारत को विभाजनकारी ताकतों से नहीं बल्कि आंतरिक बुराइयों से खतरा है। उन्होंने जाति और राज्य के आधार पर समाज को बांटने को अपराध बताया और एकता की अपील की।
विजयदशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर से त्रिवेणी नगर के सामुदायिक केंद्र से पथ संचलन का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में आरएसएस के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश (भैयाजी) जोशी भी उपस्थित रहे। इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को विभाजनकारी ताकतों से नहीं बल्कि अंदर से ही खतरा है।
जोशी ने भारतीय समाज की एकता और शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि जाति और राज्य के आधार पर लोगों को बांटना बंद करना होगा, क्योंकि यह सबसे बड़ा अपराध है। भैयाजी जोशी ने भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि संविधान में “हम भारत के लोग” लिखा गया है, न कि विभिन्न राज्यों के लोग।
उन्होंने आहिल्या बाई होल्कर के योगदान की भी सराहना की, जिन्होंने समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया। जोशी ने कहा कि अगर हमें भारत को विश्व गुरु बनाना है, तो हमें अपने भीतर के रावणों और कौरवों को पहचानना होगा। पाकिस्तान या चीन से नहीं, बल्कि हमारे समाज के भीतर फैली बुराइयों से सबसे बड़ा खतरा है।
भैयाजी ने प्रकृति संरक्षण और स्वच्छता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने से आपदाएँ आती हैं, और हमें अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा। केवल सरकार पर निर्भर रहना सही नहीं है। अंत में उन्होंने चाणक्य का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज की उन्नति के लिए हर महिला को माँ के रूप में देखना आवश्यक है। उन्होंने रावण के पुतले जलाने की रस्म को प्रतीकात्मक बताते हुए कहा कि असली बदलाव समाज में सकारात्मक कार्यों के माध्यम से ही आएगा। त्रिवेणी नगर सामुदायिक केंद्र से निकलकर पथ संचलन शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए गुजरा।

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