
पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा
– फोटो : अमर उजाला
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एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के पूर्व विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा की जमानत रद्द कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मालिंगा को दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है।
पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के खिलाफ धौलपुर के बाड़ी में बिजली विभाग के एईएन और जेईएन के साथ हुई मारपीट प्रकरण में 28 मार्च 2022 को एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में बताया गया कि पूर्व विधायक मलिंगा अपने साथियों के साथ अभियंता कार्यालय में घुस गया, जहां उसने कथित तौर पर हर्षाधिपति पर कुर्सी से हमला किया, जिससे वे गंभीर घायल हो गए। साथ ही अपने निर्वाचन क्षेत्र से बिजली के ट्रांसफर हटाने संबंधी असहमति पर जाति सूचक गालियां भी दीं। घायल हर्षाधिपति पिछले दो साल से जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती हैं।
हाईकोर्ट ने मामले में जमानत दी थी। फिर सरेंडर करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने 17 मई 2022 को जमानत दे दी। रिहाई के कुछ समय बाद ही मलिंगा ने रोड शो किया और सार्वजनिक जश्न भी मनाया। वहां उन्होंने कथित तौर पर जनता को डराने वाले बयान भी दिए। इसके बाद शिकायतकर्ता ने जमानत रद्द करने की मांग की। इसमें चिंता जताई गई कि रिहाई के बाद मलिंगा की हरकतें केस को प्रभावित कर सकती हैं। इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने मलिंगा की जमानत रद्द कर दी और 30 दिन में सरेंडर करने का निर्देश दिया। इसके बाद मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली, जहां से उन्हें अस्थाई तौर पर राहत मिल गई।
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मिली राहत
अब सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत समीक्षा के बाद पूर्व विधायक मलिंगा को दो सप्ताह में सरेंडर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक हटा दी है। मलिंगा की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसकी सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरेंडर करने के चार सप्ताह बाद तारीख तय की है।

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