Kanwar Yatra 2024 Muslim Family Made Kanwar For Lord Shiva Devotees Since Last 35 Years – Amar Ujala Hindi News Live
पिछले 35 साल से शिवभक्तों के लिए यहां मुस्लिम परिवार कांवड़ बना रहे हैं। 10 महीने मजदूरी करने वाले कारीगर दो महीने कांवड़ बनाते हैं। सोमवार से शुरू हो चुके कांवड़ मेले में इस बार भी शिवभक्तों के लिए मंदिर, शिवलिंग और अन्य आकृति की सुंदर कांवड़ तैयार की गई हैं।
इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान गैर हिंदुओं के नाम से होटल और ढाबे चलने के मामले पर भले ही सियासी घमासान मचा हो, लेकिन हरिद्वार के ज्वालापुर में कई मुस्लिम परिवार पिछले तीन दशकों से अपने हाथों से कांवड़ तैयार कर न सिर्फ हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम कर रहे हैं, बल्कि अपने रोजगार के लिए भी जुटे हुए हैं। इससे एक अलग ही संदेश सभी जगह जाता है।
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ज्वालापुर की लाल मंदिर कॉलोनी से सटी इंद्राबस्ती बस्ती में रहने वाले सिकंदर और उसके भाई वर्षों से कांवड़ बनाने का काम कर रहे हैं। वर्ष के अन्य दिनों दिहाड़ी मजदूरी करने वाले यह परिवार पिछले दो महीने से सुबह से शाम तक कांवड़ बनाने में जुटे हुए थे, अब कांवड़ मेला बाजार में इन्हें बेच रहे हैं। इसके अलावा अहबाबनगर, तेलियान व अन्य मोहल्लों में भी बाहर से आकर लोग कांवड़ तैयार कर अब बाजारों में इन्हें बेच रहे हैं।
सिकंदर के परिवार के अलावा सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और मेरठ के साथ ही कई अन्य जिलों से मुस्लिम कारीगरों ने हरिद्वार पहुंचकर कांवड़ बनाने का काम करते हैं। सिकंदर अहमद ने बताया कि उनके पिता सादी हुसैन ने पहले कांवड़ बनाने का काम शुरू किया था।
इससे पहले उनके दादा भी यही काम करते थे। उनके पिता का करीब साढ़े तीन साल पहले निधन हो गया था। अब वह और उनके भाई नईम प्रधान, बबलू, राशिद, साजिद और महबूब इस कार्य को कर रहे हैं।
ज्वालापुर में कांवड़ तैयार करने के बाद हरिद्वार में लगने वाले कांवड़ बाजार में दुकान लगाते हैं। आमिर, अर्श बताते हैं कि साढ़े तीन दशक में किसी तरह का भेदभाव देखने को नहीं मिला। कांवड़ खरीदने वाले भोले के भक्त भी कभी धर्म पूछ खरीदारी नहीं करते। उनका कहना है कि यह देखकर अच्छा लगता है।

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