Kargil Vijay Diwas Deputy Cm Diya Says In Dausa I Am Brigadier Daughter So I Understand Pain Of Soldiers – Amar Ujala Hindi News Live – Kargil Vijay Diwas:दौसा में डिप्टी सीएम दीया बोलीं
कारगिल विजय दिवस के मौके पर शुक्रवार को दौसा पहुंची राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी का दौसा के गांधी तिराहे पर भव्य स्वागत हुआ। डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने शहीद स्मारक कर पुष्प चक्र अर्पित करते पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही ध्वजारोहण भी किया। इस मौके पर डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने रिटायर्ड फौजियों को संबोधित करते हुए कहा कि डिप्टी सीएम तो अब बनी, लेकिन पहले तो मैं एक सैनिक की बेटी हूं।
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उन्होंने कहा कि मेरे पिताजी ब्रिगेडियर भवानी सिंह ने साल 1971 भारत-पाकिस्तान के युद्ध में बहुत बड़ी भूमिका का निभाई थी। उनको वीर चक्र भी मिला था। इसलिए मैं फौजियों की पीड़ा समझ सकती हूं। क्योंकि मैं जानती हूं कि हमारी सेना के सैनिक विषम परिस्थिति में सब कुछ छोड़कर बॉर्डर इलाक़ों में अपनी जान जोखिम में डालकर हमारे देश की रक्षा करते हैं। हमारे और हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा सैनिक हैं। इसलिए जो भी सैनिकों की मांग है, उनको पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
दौसा में डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने देश के प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कहा, हर त्योहार को मनाने अलग-अलग बॉर्डर क्षेत्र में जाते हैं। लद्दाख और जैसलमेर सहित अलग-अलग जगहों पर त्योहार मनाते PM मोदी सैनिकों की पीड़ा को समझते हैं। उन्होंने कहा, जो मांग आपने रखी है सरकार से बात की जाएगी और वाजिब मांगे हैं, उन पर अधिकारियों से बात कर उन्हें पूरा किया जाएगा। इसके लिए मैं भरोसा दिलाती और आश्वस्त भी करती हूं कि फौजियों की मांग पूरी होगी।
दीया कुमारी ने दौसा जिला भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बैठक को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री दीया कुमार ने कहा, कार्यकर्ताओं का सम्मान बेहद जरूरी है। दीया कुमारी ने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाते हुए कहा, यदि किसी जायज काम के लिए नहीं सुनते अधिकारी तो ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
दीया कुमारी ने आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि कारगिल विजय दिवस भारत के सैन्य इतिहास में एक गौरवशाली दिन है। कारगिल वह क्षेत्र है, जहां भारत और पाकिस्तानी सेना ने युद्ध किया और पड़ोसी देश के कब्जे से कारगिल द्रास क्षेत्र को आजाद कराया। इस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ विजय गाथा लिखी। भारत-पाकिस्तान की इस सैन्य जंग को इतिहास में विजय के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है और हर साल कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत वीर सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करता है। जहां पाकिस्तान से युद्ध करते हुए हमारे 634 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने भारत के कुछ जगहों पर अपना कब्जा कर लिया था, जिसको भारतीय सेना के जाबाजों ने जान की परवाह किए बिना फिर से उस पर भारत का झंडा लहराया। आज इस युद्ध विजय को 25 साल हो गए हैं, जिन्होंने देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा की।

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