Kedarnath Dham More Than 1600 Horses And Mules Quarantined In Gaurikund And Sonprayag Due To Equine Influenza – Amar Ujala Hindi News Live उत्तराखंड By On May 6, 2025 यह भी पढ़ें Bjp’s Babita Phogat Hits Back At Cousin Vinesh’s… Sep 24, 2024 लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला 21 जून, 2022 को संसद भवन, नई… Jun 22, 2022 पशुपालन विभाग ने गौरीकुंड और सोनप्रयाग में श्वसन रोग (इक्वाइन इन्फ्लूएंजा) से संक्रमित 1600 से अधिक घोड़ा-खच्चरों को क्वारंटीन कर दिया है। साथ ही 100 से अधिक पशुपालक अपने जानवरों को लेकर घरों को लौट चुके हैं। Trending Videos यह वीडियो/विज्ञापन हटाएं मंगलवार को पशुपालन विभाग की टीम ने गौरीकुंड का निरीक्षण किया। विभाग ने पशुपालकों को पशुओं की देखरेख के प्रति जागरूक किया और संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत विभाग को सूचित करने को कहा। दो मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में बीते दो दिनों में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 14 घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है। इससे शासन, प्रशासन और विभाग में हड़कंप मचा है। जानवरों की मौत का प्रारंभिक कारण श्वसन रोग बताया जा रहा है। वहीं, स्थानीय लोगों ने मृत जानवरों की संख्या 50 से अधिक होने की बात कही है। इधर, मंगलवार को मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.आशीष रावत के नेतृत्व में चिकित्सकीय दल ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड में पशु प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकांश घोड़ा-खच्चर श्वसन रोग से पीड़ित मिले। इन जानवरों को बुखार, खांसी, नाक से पानी बहना और शरीर में दाने हो रहे हैं। कई जानवर, इतने बीमार हैं कि पानी तक नहीं पी पा रहे हैं। Uttarakhand Weather: देहरादून-मसूरी में बरसे मेघ, दो दिन का ऑरेंज अलर्ट, चारधाम तीर्थयात्री बरतें सावधानी इस स्थिति को देखते हुए पशुपालन विभाग ने तत्काल प्रभाव ने गौरीकुंड के अलग-अलग हिस्से में 1500 पीड़ित घोड़ा-खच्चरों को क्वारंटीन कर दिया है। बताया जा रहा है कि पांच दिनों तक जानवरों के स्वास्थ्य पर पैनी नजर रखी जाएगी। वहीं, सोनप्रयाग में भी 100 से अधिक घोड़ा-खच्चरों को क्वारंटीन किया गया है। मुख्य पशुपालन अधिकारी डा. आशीष रावत ने बताया कि श्वसन रोग तेजी से फैला है, जिससे यात्रा के लिए पंजीकृत घोड़ा-खच्चर व्यापक स्तर पर संक्रमित हुए हैं। स्थिति गंभीर है, लेकिन नियंत्रण में है और आने वाले एक सप्ताह में हालात काफी हद तक और सुधरने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि 14 घोड़ा-खच्चरों की मौत हुई है, जिसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। बताया कि राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान हिसार की टीम बुधवार से प्रभावित क्षेत्र में जानवरों के स्वास्थ्य की जांच करेगी, जिसके आधार पर यात्रा में घोड़ा-खच्चरों के संचालन का निर्णय लिया जाएगा। Source link Like0 Dislike0 27002500cookie-checkKedarnath Dham More Than 1600 Horses And Mules Quarantined In Gaurikund And Sonprayag Due To Equine Influenza – Amar Ujala Hindi News Liveyes
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