यहां करीब 300 एकड़ से अधिक शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर पहले खेती की जाती है, फिर रेत का अवैध उत्खनन होता है। तहसील प्रशासन द्वारा पूर्व में कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब तक जमीन मुक्त नहीं कराई गई, जिससे भू-माफिया के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
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