Kota News: Ancient Daad Devi Temple Built In The 10th Century, Pond Water Beneficial For Crops – Kota News राजस्थान By On Mar 30, 2025 0 यह भी पढ़ें Bihar Weather : बिहार के 35 जिलों में ठंड खत्म हो गई? छोटे… Jan 13, 2025 Jaipur News: House Proceedings Adjourned After Bjp Uproar… Jul 25, 2024 शहर से करीब 13 किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन दाढ़ देवी का मंदिर अपनी संस्कृति और विरासत के तौर पर जाना जाता है। कोटा दरबार के समय बनाए गए इस मंदिर का अलग ही इतिहास है। इस मंदिर पर आम दिनों के मुकाबले नवरात्रों के दिनों में काफी भीड़ रहती है। Trending Videos यह वीडियो/विज्ञापन हटाएं शहर से 13 किमी दूर दाढ़ देवी माता के मंदिर पर श्रद्धालु अपनी मन की मुराद लेकर आते हैं और मन्नत पूरी होने पर फिर से आकर प्रार्थना कर ढोक देते हैं। सिर्फ कोटा ही नहीं पूरे राजस्थान से श्रद्धालु आते हैं और मंदिर में माताजी के दर्शन करते हैं। इस प्राचीन मंदिर के स्थापित होने की बात करें तो राजा-महाराजाओं के समय से इस मंदिर की पहचान बनी हुई है। ये भी पढ़ें: Rajasthan News: नवरात्र के साथ ही आज राजस्थान स्थापना दिवस भी, जानिये सात चरणों कैसे यहां तक पहुंचा प्रदेश मंदिर के इतिहास की बात करें तो ये मंदिर 10वीं शताब्दी में बना था। तंवर राजपूतों ने अपनी कुलदेवी के रूप में माता श्री दाढ़ देवी के इस मंदिर का निर्माण किया था। कुछ समय बाद कोटा के महाराजा उम्मेद सिंह ने प्रधान मंदिर के पास एक और मंदिर बनवाया। वे चाहते थे कि मूर्ति को इस नए मंदिर में स्थानांतरित कर दिया जाए लेकिन उनके सभी प्रयासों के बावजूद मूर्ति को स्थानांतरित नहीं किया जा सका और उस जगह पर से जमीन पूरी तरह से फट गई। ऐसे में जहां पर माताजी की मूर्ति पहले विराजमान थी, वहीं पर मूर्ति को फिर से विराजमान कर दिया गया, जिसके बाद से ही नवरात्र के दिनों में यहां पर मेला भरता है। दाढ़ देवी का यह मंदिर वास्तुकला की नागर शैली में बनाया गया है। मंदिर को एक वर्गाकार मंच पर बनाया गया है और इसकी छत 12 स्तंभों द्वारा समर्थित है, जो मंदिर को एक चैकोर आकार देते हैं। ये भी पढ़ें: Jaipur News: तेजाजी मंदिर प्रकरण में गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को मिली रिहाई, बेनीवाल और पुलिस की बातचीत सफल यहां दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु अपनी मुराद पूरी होने के बाद मंदिर में चोला चढ़ाते हैं। माना जाता है कि इस मंदिर के बीच में बने कुंड का पानी खेतों के लिए काफी लाभदायक होता है, इससे फसलों में कीड़े नहीं पड़ते हैं। कोरोना काल के दौरान मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया था, ऐसे में अब भी नवरात्रों के दिनों में यहां पर श्रद्धालुओं की एन्ट्री बंद रहेगी। अगर कोई श्रद्धालु आ भी जाता है तो उसे खाली हाथ नहीं लौटाया जाता लेकिन उसके साथ लाए गए प्रसाद और माला को मंदिर परिसर में रखवा लिया जाता है और श्रद्धालु दर्शन कर माताजी का दूर से ही आशीर्वाद ले लेता है। Source link Like0 Dislike0 26760000cookie-checkKota News: Ancient Daad Devi Temple Built In The 10th Century, Pond Water Beneficial For Crops – Kota Newsyes