रथयात्रा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी रहीं। उन्होंने रथयात्रा को जैन ध्वजा दिखाकर रवाना किया। इससे पहले श्री महावीरजी पहुंचने पर मंदिर कमेटी की ओर से दीया कुमारी का स्वागत किया गया। उपमुख्यमंत्री ने मंदिर में भगवान महावीर के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और देश-प्रदेश की खुशहाली की मनौती मांगी।
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जैन संप्रदाय के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की लगभग 450 साल पुरानी भूगर्भ से निकली पाषाण प्रतिमा को स्वर्णमंडित रथ में विराजित कर यात्रा मुख्य मंदिर से प्रारंभ होकर गंभीर नदी के तट तक पहुंची। रथयात्रा में देश के विभिन्न शहरों से जैन और अजैन श्रद्धालुओं ने भाग लिया। छोटे बालक केसरिया पताकाएं लेकर आगे बढ़ रहे थे। सबसे पहले धर्मचक्र, फिर ऐरावत हाथी, और उसके बाद स्वर्णमंडित भगवान जिनेंद्र की शोभायात्रा चल रही थी। बैंड-बाजों की धुन पर श्रद्धालु जमकर नृत्य कर रहे थे। प्राचीन रथ में विराजित भगवान महावीर के रथ पर सारथी के रूप में हिण्डौन के उपखंड अधिकारी हेमराज गुर्जर एवं मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल थे। रथ के आगे-आगे ऐरावत हाथी और नाचते-गाते श्रद्धालु भगवान जिनेंद्र के जयकारे लगाते हुए भक्ति भाव से आगे बढ़ रहे थे।
चांदनपुर वाले बाबा का रथ मुख्य मंदिर के कटला परिसर से निकलकर मुख्य बाजार होते हुए गंभीर नदी के तट पहुंचा, जहां भगवान श्रीजी का गंभीर नदी के जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान महावीर के रजत कलशों की बोली लगाई गई।
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वापसी में भगवान जिनेंद्र की पदयात्रा गंभीर नदी से मुख्य बाज़ार होते हुए मुख्य मंदिर पहुंची। परंपरा के अनुसार, रथ के आगे मीणा समाज के लोग हाथों में लाठियां लेकर चल रहे थे। वहीं, वापसी में रथ की अगुवाई गुर्जर समाज के लोगों ने की। श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र में चल रहे भगवान महावीर के वार्षिक मेले में रथयात्रा से पहले चांदनपुर वाले बाबा भगवान महावीर का पंचामृत अभिषेक हुआ। भगवान जिनेंद्र का प्रक्षाल एवं पूजन किया गया।
रथयात्रा में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। पुलिस के जवान मुस्तैदी से भगवान जिनेंद्र की रथयात्रा को सुरक्षा कवच प्रदान कर रहे थे। श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी में आयोजित विशाल रथयात्रा में घोड़ी नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। शाम को ऊंट दौड़ और घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कल कुश्ती दंगल और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के साथ सात दिवसीय मेले का समापन होगा।
