Madrasas In Uttarakhand Confusion Is Increasing Regarding School Education In Madrasas – Amar Ujala Hindi News Live
Published by: रेनू सकलानी
Updated Thu, 29 Aug 2024 08:33 AM IST
राज्य बाल आयोग ने शिक्षा महानिदेशक को पत्र लिखा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम का प्रावधान मदरसा या वैदिक पाठशाला पर लागू नहीं होता है।

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला।
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धर्म की शिक्षा देने के लिए खोले गए मदरसों में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर स्कूली शिक्षा किस आधार पर दी जा रही है, जबकि अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई एक्ट) के प्रावधान मदरसा या वैदिक पाठशाला पर लागू नहीं होते।
एक्ट के तहत उन्हें शिक्षण संस्थान की तरह संचालित नहीं किया जा सकता। फिर शिक्षा विभाग किस आधार पर मदरसों को स्कूल की मान्यता दे रहा है। इस पर भ्रम बढ़ता जा रहा है। इस बीच मदरसों से लगातार विवाद सामने आने पर राज्य बाल आयोग ने शिक्षा विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।
आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि उत्तराखंड के मदरसों में बच्चों की देखरेख में कमी, उनकी शिक्षा की उपेक्षा और मासूमों से दुराचार के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में मदरसों की लेकर वास्तुस्थिति का अंतर स्पष्ट करना जरूरी है।

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