Maharashtra Election 2024 Manoj Jarange Says All Marathas Are No Longer Princely States Poor Get Their Rights – Amar Ujala Hindi News Live – Maharashtra Polls:’सब मराठे अब रजवाड़े नहीं रहे’, आरक्षण पर बोले मनोज जरांगे

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: मनोज जरांगे पाटिल
– फोटो : अमर उजाला
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महाराष्ट्र के जालना जिले की घनसांवगी विधानसभा का छोटा सा गांव। गांव में एक कच्चे रास्ते पर बने दो मंजिला घर के बाहर गाड़ियों का काफिला खड़ा है और काफी संख्या में लोग इस इंतजार में हैं कि सरपंच बाहर निकलें और मुलाकात हो। मराठा आरक्षण आंदोलन का पिछले कुछ समय से नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल युवाओं में बेहद लोकप्रिय हैं। युवा उनकी झलक पाने के लिए बेताब हैं। शाम को करीब पांच बजे हाथ में ड्रिप लगाए हुए जरांगे ने लोगों से मिलना शुरू किया। इसी दौरान नितिन यादव ने उनसे बात की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश…
मराठा आरक्षण आंदोलन का आप बड़ा चेहरा हैं, इस चुनाव में किसके साथ हैं?
हम उनके साथ हैं, जो हमें आरक्षण देगा। हमारी लड़ाई अपने लोगों के भले के लिए है, जो हमारा साथ देगा, हम भी उसका साथ देंगे।
मराठा एक बड़ा वर्ग रहा है। रजवाड़े रहे हैं और संपन्नता भी रही है, तो फिर आरक्षण क्यों मांगा जा रहा है?
अब राजशाही नहीं बची है। अब संविधान का राज है। जब रजवाड़े थे, तो रहे होंगे, लेकिन अब लोग परेशानी में हैं और गरीब हैं। ऐसे में उनकी मदद करने में किसी को क्या दिक्कत है। राज तो यहां पर कई जगहों यादव राजाओं का भी रहा, लेकिन उन्हें आरक्षण दिया गया। हम किसी के खिलाफ नहीं है, बस अपने लोगों का हक मांग रहे हैं। आरक्षण की राजाओं को जरूरत नहीं है, आम लोगों को है।
आपके आंदोलन के बाद ओबीसी वर्ग के लोगों ने भी विरोध में आंदोलन शुरू कर दिया? उन्हें लगता है कि उनके हिस्से का आरक्षण चला जाएगा।
ओबीसी के आम लोग हमारे खिलाफ नहीं हैं। नेता ही विरोध कर रहे हैं। आम जनता चाहती है कि उसके जैसे सभी को लाभ मिलें। सब भाई-भाई हैं, विरोध जैसा कुछ नहीं है। मराठों को तो पहले भी आरक्षण मिल चुका है।
कभी अपनी बात केंद्र सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की है?
केंद्र में बड़े लोग बैठते हैं। उन तक हमारी बात कहां पहुंचती है। वह बड़े लोगों की बात सुनते हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से आपकी अपनी मांगों को लेकर बात हुई है क्या?
कई बार हो चुकी है। बात करने का फायदा क्या, हमारी मांगें मान लें, बस हम तो यही चाहते हैं।
आंदोलन के दौरान हुए लाठीचार्ज के बाद आपके गांव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे नेता आपसे मिलने आए, क्या रुख उनकी तरफ है?
मिलने तो कोई भी आ सकता है। किसी को रोका नहीं जा सकता है। हमारा राजनीति से से कोई लेना देना नहीं है। जिसमें आरक्षण देने की इच्छा शक्ति होगी, वह हमें दे देगा।
हर बार आंदोलन से राजनेता निकलते हैं। आपका भी राजनीति में आने का इरादा तो नहीं है
मेरा पूरा ध्यान अभी आरक्षण की लड़ाई पर है। बहुत से लोग साथ हैं। ऐसे में अभी से किसी के बारे में क्या कहा जा सकता है।
अलग-अलग राज्यों में आरक्षण से लेकर किसानों के भी आंदोलन हुए है? कहीं ये राजनीति से प्रेरित तो नहीं है?
अपना हक मांगना राजनीति कैसे हो गई। ऊंची जातियों के नाम पर गरीब लोगों की स्थिति खराब होती जा रही है और कोई कुछ कर नहीं रहा है। सबको मिलकर लड़ाई लड़नी चाहिए। बड़ी जातियों में भी गरीब लोग हैं। वोट बैंक के कारण एक दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। सबको एकजुट होना होगा।
अब नई सरकार बनेगी तो उससे क्या मांग करेंगे?
जो भी प्रदेश में सरकार आएगी तो हम उससे अपनी मांग रखेंगे। अब बड़ी लड़ाई होगी और सामूहिक अनशन किया जाएगा।

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