मंगल ग्रह की शांति और सुख समृद्धि की कामना को लेकर धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर पर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन मंदिर में दर्शनार्थियों के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाता है इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें मंदिर का कंप्यूटर ऑपरेटर बनारस से परिवार के साथ पूजन-अर्चन करने आए श्रद्धालु को चांटे मारता दिखाई दे रहा है।
पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि बनारस से सुमित कुमार अपनी पत्नी, 10 साल के बच्चे, माता-पिता और सास, ससुर के साथ भात पूजन करवाने के उद्देश्य से धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचे थे। जहां उन्होंने मंगलनाथ मंदिर पहुंचकर 10 वर्षीय बेटे के साथ भगवान का पूजन-अर्चन सभा मंडप में किया और उसके बाद जब शासकीय रसीद कटवाने के बाद गर्भगृह में पहुंचे थे। यहां ओमप्रकाश ठाकुर नामक एक व्यक्ति पहुंचा, जो कि मंदिर में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ है। उन्होंने सुमित कुमार के गर्भगृह में जाने पर नाराजगी जताई और अभद्रता करने लगे। जिस पर सुमित कुमार ने गर्भगृह में पूजन करने की रसीद दिखाई और मंदिर समिति के सभी नियमों का पालन करने के बाद ही गर्भगृह में आने की बात कही तो ओमप्रकाश और नाराज हो गए। जिन्होंने श्रद्धालुओं के साथ झूमाझटकी करते हुए उन्हें चांटा तक मार दिया। इस हमले से सुमित कुमार खुद यह नहीं समझ पाए कि आखिर उनसे ऐसी क्या भूल हो गई है। इस घटना के बाद सुमित कुमार ने थाना चिमनगंज पहुंचकर ओमप्रकाश ठाकुर के खिलाफ शिकायत की, जिस पर धारा 151 में ओमप्रकाश के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
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श्रद्धालु के साथ मारपीट करना गलत
इस पूरे मामले में मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक केके पाठक ने बताया कि इस प्रकार की घटना से मंदिर प्रशासन व जिला प्रशासन की छवि खराब होती है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिए। यह भी बताया कि हमारा काम मंदिर की व्यवस्थाओं को बेहतर करने का है। यह नहीं कि व्यवस्था सुधारने के नाम पर मंदिर का कोई भी व्यक्ति श्रद्धालुओं के साथ मारपीट करने पर ही उतारू हो जाएं।
पहले भी मारपीट कर चुका है ओम प्रकाश
बताया जाता है कि बनारस के श्रद्धालु के साथ मारपीट करने वाले ओमप्रकाश ठाकुर ने कोई पहली बार मंदिर में मारपीट नहीं की है। इसके पहले भी वह एक कर्मचारी के साथ मारपीट कर चुका है। इस समय ओमप्रकाश ठाकुर को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था लेकिन इस मामले में माफी मांगने पर उन्हें फिर से बहाली मिल गई थी। इस घटना से उन्होंने कोई सबक नहीं लिया और फिर श्रद्धालु के साथ मारपीट करने जैसी घटना को अंजाम दे दिया।
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तभी सुधरेगी मंगलनाथ मंदिर की व्यवस्था
मंगलनाथ मंदिर की व्यवस्था की ओर नजर दौड़ाई जाए तो यहां सुरक्षा के तौर पर 6 नगर सैनिक, 10 प्राइवेट गार्ड तो हैं, लेकिन प्रशासनिक तौर पर यहां काम करने वालों की संख्या काफी कम है। सोर्स बताते हैं कि मंदिर में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में यहां के जिम्मेदारों ने दो कंप्यूटर ऑपरेटर, एक कैशियर, एक लेखपाल, एक सुपरवाइजर के साथ ही नोडल अधिकारी नियुक्त करने का प्रस्ताव सौंप रखा है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। साथ ही यहां के जिम्मेदार तो अधिकारियों से यह भी निवेदन कर चुके हैं कि वह भी समय-समय पर यहां आकर आकस्मिक निरीक्षण करते रहें जिससे कि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार होता रहे।

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