
शहीद बलजीत सिंह को निहारती पत्नी अमनदीप कौर।
– फोटो : संवाद
विस्तार
पंजाब के रूपनगर (रोपड़) जिले के ब्लॉक नूरपुरबेदी के गांव झच्ज के सेना के जवान लांस नायक बलजीत सिंह जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए थे। वीरवार को सैन्य सम्मान के साथ उनका गांव में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद लांस नायक की अंतिम यात्रा और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी। भारत माता जय के नारे के बीच बलिदानी बलजीत सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने शहीद बलजीत सिंह अमर रहे के नारे लगाए।
लांस नायक बलजीत सिंह (29) पुत्र संतोख सिंह भारतीय सेना की 57 इंजीनियर रेजीमेंट की 2 पैरा स्पेशल फोर्स में तैनात थे। मंगलवार को ड्यूटी के दौरान उनकी गाड़ी मंजाकोट क्षेत्र में 200 फीट गहरी खाई में गिर गई थी। इस गाड़ी में अन्य 4 सैन्यकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जबकि बलजीत सिंह शहीद हो गए थे।
वीरवार को शहीद बलजीत सिंह का पार्थिव शरीर स्थानीय पुलिस स्टेशन से लेकर आई। शहीद की पत्नी अमनदीप कौर, माता सुखविंदर कौर का रो-रोकर बुरा हाल है। बलजीत सिंह की नौ महीने पहले ही शादी हुई थी। पत्नी अमनदीप कौर के हाथों से अभी तक शादी का चूड़ा नहीं उतरा था। वहीं, बलजीत के पिता की सात महीने पहले ही मौत हुई थी।
शहीद के पार्थिव शरीर को श्मशान घाट ले जाया गया, जहां चंडी मंदिर से पहुंची टुकड़ी ने हवाई फायर करके शहीद को सलामी दी। हलका रूपनगर के विधायक एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने कहा कि शहीद की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

Comments are closed.