भारत में सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि उसे 31 मार्च 2025 को खत्म चौथी तिमाही में इंटीग्रेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर एक प्रतिशत घटकर 3911 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी का कहना है कि ऐसा अधिक खर्च की वजह से हुआ है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही में 3,952 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। नियामक फाइलिंग में कहा गया कि बीते वित्त वर्ष में पिछले वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में कुल राजस्व बढ़कर 40,920 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 38,471 करोड़ रुपये था।
चौथी तिमाही के दौरान उसका कुल खर्च
कंपनी ने कहा कि चौथी तिमाही के दौरान उसका कुल खर्च बढ़कर 37,585 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में यह 34,624 करोड़ रुपये था, जो 8.5 प्रतिशत की वृद्धि है। स्टैंडअलोन आधार पर, कंपनी ने कहा कि एक साल पहले इसी तिमाही में 3,878 करोड़ रुपये की तुलना में उसका शुद्ध लाभ घटकर 3,711 करोड़ रुपये रह गया। पिछले वर्ष की इसी अवधि में 36,697 करोड़ रुपये की तुलना में शुद्ध बिक्री बढ़कर 38,849 करोड़ रुपये हो गई।
जनवरी-मार्च अवधि में बिक्री
मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा कि जनवरी-मार्च अवधि में उसकी बिक्री 6,04,635 यूनिट रही, जो किसी भी तिमाही में अब तक की सबसे अधिक है। घरेलू बिक्री में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि निर्यात में 8 प्रतिशत की हुई, जिसकी चलेत कुल मिलाकर 3. 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ऑटो कंपनी ने कहा कि चौथी तिमाही में घरेलू बिक्री 5,19,546 यूनिट और निर्यात 85,089 इकाई रही। पिछले वित्त वर्ष में शुद्ध बिक्री बढ़कर 1,45,115 करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 2024 में 1,34,938 करोड़ रुपये से 7.5 प्रतिशत अधिक है।
इंटीग्रेटेड आधार पर राजस्व
31 मार्च, 2025 को खत्म पूरे वर्ष के लिए, स्विफ्ट और ग्रैंड विटारा जैसे मॉडलों के निर्माता ने 2023-24 वित्त वर्ष में 13,488 करोड़ रुपये की तुलना में 7. 5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 14,500 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया। वित्त वर्ष 2025 में समेकित आधार पर राजस्व बढ़कर 1,52,913 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 1,41,858 करोड़ रुपये था। एकल आधार पर, मारुति ने कहा कि उसने वित्त वर्ष 2025 में 13,955 करोड़ रुपये का अपना सर्वकालिक उच्चतम शुद्ध लाभ हासिल किया, जो वित्त वर्ष 2024 में 13,209 करोड़ रुपये से 6 प्रतिशत अधिक है।

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