Mc Shimla Election Result:नगर निगम चुनाव में हार से भाजपा को फिर झटका, पढ़ें क्या हैं इसके मायने – Himachal News: Mc Shimla Election Result Bjp Defeat Side Story

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हिमाचल के सबसे पुराने और ब्रिटिशकाल में बने नगर निगम शिमला के चुनाव में हार से भाजपा को फिर बड़ा झटका लगा है। पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और नए पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल जैसे दिग्गज नेता विधानसभा चुनाव के बाद नगर निगम शिमला का चुनाव फिर चूक गए हैं। चुनाव के बीच भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और संगठन महामंत्री को बदलने की भाजपा की रणनीति भी काम नहीं आ पाई। उधर, नगर निगम पालमपुर के एक वार्ड के लिए हुए चुनाव में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है।
पिछली बार कांग्रेस की वीरभद्र सरकार रहते हुए भाजपा ने नगर निगम शिमला पर कब्जा किया था। उस समय जोड़-तोड़ में माहिर माने जाने वाले भाजपा के तत्कालीन चुनाव प्रभारी रहे डॉ. राजीव बिंदल ने भी खूब मेहनत की थी। अबकी तो नगर निगम शिमला के चुनाव के बीच डॉ. राजीव बिंदल को फिर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। हालांकि, उनके पास वक्त चंद दिनों का ही था। चुनाव घोषित हुए काफी वक्त हो गया था।
इससे पहले प्रचार की मोर्चेबंदी खुद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी जैसे नेताओं ने संभाल रखी थी। डॉ. बिंदल ने बीच में दोहराया भी कि वे पहले से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही चुनाव प्रचार को आगे बढ़ा रहे हैं। जयराम ठाकुर, सुरेश कश्यप, डॉ. बिंदल और अन्य तमाम नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान कठिन परिश्रम किया, मगर यह चुनाव हाथ से निकल गए। यह मालूम रहे कि नगर निगम चुनाव प्रचार के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी केंद्रीय व्यस्तता के चलते सीमित वक्त दे पाए।
निगम चुनाव को गंवाने के बाद अब लोकसभा सीटें बचाना चुनौती
नगर निगम शिमला के इन चुनाव को गंवाने के बाद अब लोकसभा सीटें बचाना भाजपा के लिए नई चुनौती होगी। वर्तमान में भाजपा चार मेें से तीन सीटों पर काबिज है। ये शिमला, कांगड़ा और हमीरपुर हैं। मंडी लोकसभा सीट पर भी आम चुनाव में सांसद भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ही बने थे, मगर उनके असामयिक देहांत के बाद उपचुनाव में वहां वीरभद्र की सहानुभूति लहर के बाद सांसद प्रतिभा सिंह की जीत हुई। यानी कांग्रेस के पास एकमात्र मंडी सीट ही है जो कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह संसदीय क्षेत्र से संबंधित है। अब भाजपा के सामने न केवल मंडी लोकसभा सीट को अपने पाले करने की चुनौती होगी, बल्कि लोकसभा की अन्य तीन सीटों पर अपने वर्चस्व का कायम रखना भी होगा।

Comments are closed.