पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,500 करोड़ रुपये का फ्रॉड करने वाला हीरा कारोबार मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार हो चुका है। भारतीय बैंकिंग सेक्टर का ये सबसे बड़ा फ्रॉड था, जिसकी जांच में सीबीआई और ईडी समेत कई एजेंसियां लगी हुई हैं। इस पूरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पीड़ितों को संपत्तियों की वापसी सुनिश्चित करने के तहत एक बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया था। ईडी ने पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक के साथ मिलकर मेहुल चोकसी केस में अटैच और सीज की गई संपत्तियों की मनीटाइजेशन के लिए मुंबई की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में एक संयुक्त आवेदन दाखिल किया था।
लिक्विडेटर को सौंपी जा चुकी है 125 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति
कोर्ट ने इस आवेदन को स्वीकार करते हुए 2565.90 करोड़ रुपये की संपत्तियों के मनीटाइजेशन की अनुमति दे दी थी। इस आदेश के बाद से संपत्तियों को उनके हकदारों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इस प्रोसेस में अभी तक मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजली जेम्स की 125 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति लिक्विडेटर को सौंप दी गई हैं, जिसमें मुंबई के फ्लैट्स और SEEPZ इलाके में स्थित दो फैक्ट्री और गोदाम शामिल हैं। बाकी संपत्तियों की बहाली भी प्रगति पर है।
आईसीआईसीआई बैंक से लोन लेकर किया डिफॉल्ट
जांच में खुलासा हुआ कि मेहुल चोकसी ने 2014 से 2017 के बीच PNB के अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की और गलत तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट जारी करवाए, जिससे बैंक को 6097.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इतना ही नहीं, चोकसी ने आईसीआईसीआई बैंक से भी बड़ा लोन उठाया और डिफॉल्ट कर दिया।
ईडी ने 136 से ज्यादा ठिकानों पर की छापेमारी
ED ने इस मामले में अब तक देशभर में 136 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की और 597.75 करोड़ रुपये के गहने व अन्य कीमती सामान जब्त किए। इसके अलावा, 1968.15 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां भी अटैच की गईं हैं, जिसमें भारत और विदेश की संपत्तियां, गाड़ियां, बैंक अकाउंट्स, फैक्ट्री, शेयर और ज्वेलरी शामिल हैं।
कौन-कौन सी संपत्ति हुई जब्त
कोर्ट के 10 सितंबर, 2024 के आदेश के तहत, ED और बैंक संयुक्त रूप से अटैच संपत्तियों का मूल्यांकन और नीलामी करवा रहे हैं। नीलामी से प्राप्त राशि संबंधित बैंकों के एफडी के रूप में जमा की जाएंगी। अब तक गीतांजलि जेम्स लिमिटेड की 6 संपत्तियां- मुंबई के खेंनी टावर में स्थित फ्लैट्स (लगभग 27 करोड़ रुपये मूल्य की) और SEEPZ स्थित दो अन्य संपत्तियां (कुल 98.03 करोड़ रुपये मूल्य की)— लिक्विडेटर को सौंपी जा चुकी हैं। कोर्ट के आदेश के अनुसार अब बाकी संपत्तियों की बहाली का काम भी चल रहा है।
