जानें क्या है पूरा मामला
श्री महाकालेश्वर मंदिर में नई दिल्ली, शाहदरा से आए श्रद्धालु विकास मलिक रात 9:30 बजे भगवान को चढ़ाने के लिए वस्त्र लेकर आए थे। गलती से उन्होंने उसी थैली में 32 हजार रुपये भी रख दिए। बाद में जब उन्हें पैसे नहीं मिले तो उन्होंने काफी खोजबीन की, लेकिन जब नहीं मिले तो मंदिर की आईटी शाखा पहुंचे। वहां आईटी प्रभारी निर्मल सांखला और उनकी टीम ने सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग देखी। वीडियो में दिखा कि विकास मलिक ने थैली तीसरे पाटे पर बैठे पुजारी सेवक मनोज को दी थी।
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आईटी प्रभारी ने पुजारी मनोज को जानकारी दी और थैली की तलाश शुरू की। थैली मिलने पर पुजारी मनोज ने खुद आईटी शाखा में आकर थैली श्रद्धालु को लौटा दी। अपनी 32 हजार रुपये की राशि वापस मिलने पर श्रद्धालु ने मंदिर की आईटी टीम और पुजारी मनोज का दिल से धन्यवाद किया।
लापता सुजीत की भी हुई पहचान
गुजरात के वलसाड-वापी के रहने वाले सुजीत यादव (उम्र 28 साल), 1 मई को लापता हो गए थे। सुजीत की मानसिक हालत ठीक नहीं है। उनके भाई अरविंद यादव ने इस बारे में पुलिस को जानकारी दी थी। सुजीत की आखिरी लोकेशन अवंतिका एक्सप्रेस ट्रेन में मिली थी, जिससे लगा कि वह उज्जैन पहुंच सकता है। इसी आधार पर सोशल मीडिया पर उसकी जानकारी और फोटो शेयर की गई।
शुक्रवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर के गेट नंबर 13 पर ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा गार्ड राहुल कटारिया ने सुजीत को देखा। गार्ड ने फोटो से पहचान की और उसे मंदिर की चौकी पर ले गए। मंदिर चौकी प्रभारी मनीष दुबे ने बताया कि सुजीत के पैर में चोट लगी थी इसलिए उसे मंदिर के अस्पताल ले जाकर पट्टी करवाई गई। सुजीत ने बताया कि वह कहीं गिर गया था, जिससे पैर में चोट आई। उसका मोबाइल भी खो गया था।
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सुरक्षा गार्ड कटारिया ने बताया कि उनके व्हाट्सएप ग्रुप में लापता सुजीत का मैसेज और फोटो आया था। जब वही व्यक्ति गेट पर दिखा तो फोटो से मिलान किया और फिर चौकी लेकर गए। बाद में सुजीत को महाकाल थाना ले जाया गया। एसआई चंद्रभान सिंह चौहान ने बताया कि सुजीत की मानसिक स्थिति सही नहीं है। सोशल मीडिया पर मिले नंबर से उसके भाई अरविंद को सूचना दी गई और उज्जैन बुलाया गया। सुजीत की दो साल पहले शादी भी हो चुकी है। वह दो दिन से कुछ खाया भी नहीं था, इसलिए थाने में उसे खाना खिलाया गया। बाद में परिवार के आने पर सुजीत को उन्हें सौंप दिया गया।

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