Monsoon Season: Along With The Havoc Of Rain There Is Also The Danger Of Crocodiles Uttarakhand News In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live
Published by: रेनू सकलानी
Updated Mon, 26 Aug 2024 08:35 AM IST
तराई के इलाकों कई बांध हैं, जिनमें बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं। मानसून सीजन में 26 मगरमच्छों को रेस्क्यू किया जा चुका है। तीन साल में 114 मगरमच्छ पकड़े गए हैं।

मगरमच्छ
– फोटो : अमर उजाला
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इस मानसून सीजन में जहां आम जनमानस मूसलाधार बारिश के साथ ही जलभराव की समस्या से दोचार हो रही है, वहीं, तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में मगरमच्छ भी जान पर भारी पड़ रहे हैं। तराई पूर्वी वन प्रभाग की टीम ने इस मानसून क्षेत्र में अब तक खटीमा रेलवे स्टेशन से लेकर आबादी के करीब तक पहुंचे 26 मगरमच्छों को रेस्क्यू कर चुकी है।
विभाग ने जंगलात क्षेत्र के आसपास निवास करने वालों को सचेत करने के लिए अखबारों में विज्ञापन भी प्रकाशित किए। तराई के इलाकों कई बांध हैं, जिनमें बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं। इसके अलावा तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले इलाकों में नालों की संख्या भी काफी है। इसमें कई नालों में मगरमच्छ हैं। प्रभाग के सटे आबादी वाले इलाकों में मगरमच्छों के पहुंचने के मामले आते रहे हैं।
तराई पूर्वी वन प्रभाग में बीते तीन सालों में 114 मगरमच्छों को रेस्क्यू किया गया था। इस मानसून सीजन में नदी-नालों में जलस्तर बढ़ने के साथ जलभराव हुआ। वन विभाग की टीम बारिश के सीजन में 26 मगरमच्छों को रेस्क्यू कर चुका है। अभी तक तराई पूर्वी वन प्रभाग में मगरमच्छों के हमले में दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। तराई पूर्वी वन प्रभाग के एसडीओ सितारंगज संतोष पंत के मुताबिक, बरसात के बाद से अब तक गौला, खटीमा, किलपुरा, सुरई, बाराकोली, रनसाली, दक्षिण जौलासाल से मगरमच्छों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

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