Mp Foundation Day: 68 Years Of Creation Of Madhya Pradesh State Emerged Peacefully – Amar Ujala Hindi News Live

MP Foundation Day
– फोटो : MP Foundation Day
विस्तार
मध्य प्रदेश का उदय किसी विवाद या हिंसा में नहीं हुआ है, बल्कि एक शांतिपूर्ण तरीके से नए मध्य प्रदेश का उदय हुआ। आजादी के बाद नए सवेरे की ताजी हवा देश में फैल रही थी, 1950 के उत्साही वर्ष नियोजित विकास की संरचना के बीच बोए जा रहे थे, और देश के सुनियोजित संरंचना की चर्चा हो रही थी।
दिल्ली में योजना आयोग का गठन हुआ और देश के राज्यों के नए नक्शे पर चर्चा की जाने लगी 600 देशी रियासतें और भूतपूर्व ब्रिटिश प्रांतों को मिलाकर तर्कसंकत रूप से नए राज्य के गड़े जाने की प्रक्रिया आरंभ हुई। 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन हुआ, आयोग ने कहा कि देश में छोटे राज्यों को जोड़कर और पुराने राज्यों में फेरबदल कर इस तरह प्रशासनिक व्यवस्था का गठन होना चाहिए, जो देश की सुरक्षा और एकता को मजबूत कर सके, जिसमें भाषाओं और संस्कृति की एकरूपता हो इसमें वित्तीय आर्थिक तथा प्रशासनिक व्यवस्था हो सबसे अहम बात ही है कि जो राष्ट्रीय नियोजन की सफलता में मददगार हो।
उन्हें तर्कों के आधार पर पुराने मध्य प्रदेश में जो कभी सीपी बरार कहलाता था, 8 मराठी भाषी जिले निकालकर, शेष जिलों को तत्कालीन मध्य भारत विंध्य प्रदेश तथा भोपाल राज्यों से मिलकर एक राज्य बनाए जाने का सुझाव राज्य पुनर्गठन ने आयोग ने दिया। पुराने मध्य प्रदेश, विंध्य प्रदेश और मध्य भारत के तोड़े जाने के खिलाफ इतने बड़े क्षेत्रफल वाला एक राज्य बनाए जाने के खिलाफ प्रस्तुत प्रतिवेदन और दलीलों को सामान्य करते हुए आयोग अपनी अनुशंसा पर कायम रहा। आयोग ने अपनी अनुशंसा के पक्ष में जो कहा वह अविस्मरणी है, आयोग ने कहा –’मध्यवर्ती भारत में एक सुसमृद्ध सशक्त तथा समृद्ध इकाई होने के लाभ लंबे समय तक सिद्ध होंगे कि हमें नए राज्य के निर्माण की सिफारिश करने में कोई झिझक नहीं है’। संसद ने इस अनुशंसा पर अपनी स्वीकृति की मोहर लगी और नए प्रदेश मध्यप्रदेश का एक नए राज्य का उदय हुआ। इस राज्य को विशाल क्षेत्रफल के साथ मिला, अकूत प्राकृतिक संपदा, इस प्रकार की संपदा को देखकर ही राष्ट्र नायकों ने मध्य प्रदेश को अवसरों और संभावनाओं का प्रदेश मान लिया था।
मध्य प्रदेश का 1956 में हुआ निर्माण वास्तव में राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश के अनुकूल था, इस नए राज्य मध्य प्रदेश को सहर्ष रूप से स्वीकार किया गया था। यदि यह अनुकूल नहीं होता तो मालवांचल के नेताओं का महामालव और छत्तीसगढ़ के नेताओं का छत्तीसगढ़ राज्य की मांग जोर पकड़ती। इसके बाद 2000 में छत्तीसगढ़ को प्रदेश से अलग कर एक एक नया राज्य बनाया गया।
तर्क दिया गया की बड़े राज्य विकास नहीं कर पाते हैं, हरियाणा और पंजाब छोटे राज्य होते हुए भी काफी प्रगति की है यह ठीक है। लेकिन, अफ्रीका और एशिया के कई छोटे राष्ट्र पूरी तरह आज भी पिछड़े हुए हैं। अपने निर्माण के बाद प्रदेश ने कई उत्तार -चढ़ाव देखे हैं। देश के ह्रदय में बसे होने के कारण प्रदेश का मौसम, जलवायु और शांति कायम रहती है, जो सभी को भांति है साथ ही अनुकूल है। वर्तमान मध्य प्रदेश शिक्षा कौशल विकास योजनाएं उद्यमिता सांस्कृतिक और सामाजिक कार्य की योजना बनाकर एक सशक्त रूप से तरक्की की ओर बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य और देश के 55 जिलों में पीएम कॉलेज आफ एक्सीलेंस का शुभारंभ हो चुका है।
वर्तमान मध्य प्रदेश आर्थिक प्रगति की ओर अग्रसर है, 2003 में मध्य प्रदेश की जीडीपी 71 594 करोड़ थी, जो अब 13,63, 327 करोड़ हो गई। प्रति व्यक्ति आय 1956 में 261 रुपए थी जो वर्तमान में 142565 हो गई, राजस्व संग्रह में भी प्रदेश अग्रणी है। जीएसटी संग्रहण में देश के पांच राज्यों में मध्य प्रदेश का स्थान है। कृषि अकर्मण्यता पुरस्कार प्रदेश कई बार प्राप्त कर चुका है, कृषि क्षेत्र में प्रदेश निरंतर अग्रसर है। ऊर्जा के क्षेत्र में भी प्रदेश आत्मनिर्भर है वह पावर सरप्लस राज्य है।
औद्योगिक विकास के लिए प्रदेश अग्रसर है और प्रदेश के कुछ राज कुछ नगरों में इन्वेस्टर समिट की आयोजन कर लगातार हो रहे हैं। प्रदेश के गठन के वक्त प्रदेश में सड़कों की लंबाई बहुत कम थी, जो आज 73179 किलोमीटर हो चुकी है वही रेल रूट 5188 किलोमीटर है। पर्यटन, वन, वन्यप्राणी रेलवे सड़क परिवहन सभी क्षेत्रो में प्रदेश अग्रसर है। 68 वर्ष पूर्ण कर प्रदेश आज से 69 वे वर्ष में प्रवेश कर रहा है, उम्मीद की जाती है कि प्रदेश उन्नति के पथ पर अग्रसर रहेगा।
मध्यप्रदेश प्रगति क्वे नजर में…
क्रमांक | क्षेत्र | 1956 | 2024 |
1 | प्रति व्यक्ति आय | 261 रु. | 142565 रु. |
2 | सड़क | 22.8 हजार कि मी | 79215 किमी. |
3 | बिजली उत्पादन | 5 किलोवाट प्रति घंटा | 1148 5 किलोवाट प्रति घंटा |
4 | अस्पताल पलंग | 10.2 हजार | 45000 |
5 | प्राथमिक शाला | 22.8 हजार | 79215 |
6 | माध्यमिक शाला | 1.6 हजार | 39184 |
7 | उच्चतर शाला | 414 | 4868 |
8 | जीडीपी वर्ष 2003 | 71594 करोड़ | 1363327 करोड़ |

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