Mp News:छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक को करें निलंबित, जमानतीय वारंट तामील नहीं होने पर हाईकोर्ट सख्त – Mp News: Suspend Chhindwara Superintendent Of Police, High Court Strict On Not Serving Bailable Warrant

छिंदवाड़ा एसपी, जिसे हटाने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं।
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
जमानतीय वारंट छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक द्वारा तामील नहीं करवाए जाने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया है कि वे छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करें। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस अधीक्षक वारंट तामील करवाने में असक्षम हैं, इसलिए पुलिस महानिदेशक स्वयं वारंट तामील करवाएं।
गौरतलब है कि छिंदवाड़ा स्थित तुलसी नारायण सर्कितन मंडल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि एनएचएआई ने मंदिर की 1254 वर्ग का अधिग्रहण किया था। जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया था। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा दिया गया था। हाईकोर्ट ने शेष जमीन का मुआवजा देने के निर्देश अगस्त 2018 में जारी करते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था।
एनएचएआई द्वारा आदेश के बावजूद भी मुआवजा की राशि प्रदान नहीं की गई। जिसके कारण उक्त अवमानना याचिका दायर की गई थी। पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने एनएचएआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने हुए पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा विनायक वर्मा को तामीली के निर्देश दिए थे।
याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारी का स्थानांतरण हो गया है। जिसके कारण जमानतीय वारंट तामील नहीं हो पाया है। सरकार की तरफ से जारी जमानतीय वारंट को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया। युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गए पत्र में जमानतीय वारंट तामील नहीं होने का कारण स्थानातंरण होना बताया है। जिससे हम स्तब्ध हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद पुलिस महानिदेशक को उक्त निर्देश जारी किए। याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेता तथा अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की।

Comments are closed.