Mp News: Books Of Grandfather And Granddaughter Released, Vijay Bahadur Said – Poems Are The Expression Of The – Amar Ujala Hindi News Live

भोपाल में दादा और पोती की किताब का विमोचन
– फोटो : अमर उजाला
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राजधानी भोपाल में शनिवार को एक विशेष साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें कवि ओम बबेले के कविता संग्रह “कामना से काल हारा” और बाल लेखिका रेवा बबेले के कहानी संग्रह “बापू की डगर” का विमोचन भोपाल के राज्य संग्रहालय में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं आलोचक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि ओम बबेले की कविताएँ उनके हृदय की गहराई की अभिव्यक्ति हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि बबेले ने एक ऐसे समय में छंद में कविता लिखी है जब अधिकांश हिंदी कवि छंद का त्याग कर नई कविता की ओर बढ़ चुके हैं।
बच्चों के लिए नए गांधी का सृजन
समारोह के मुख्य अतिथि, वरिष्ठ साहित्यकार ज्ञान चतुर्वेदी ने रेवा बबेले की किताब “बापू की डगर” के बारे में कहा कि इस संग्रह के माध्यम से बच्चों के लिए एक नए गांधी का सृजन किया गया है। उन्होंने बबेले की कविताओं की सराहना करते हुए कहा कि ओम बबेले ने खड़ी बोली के साथ ही बुंदेली में भी सरस कविताएँ लिखी हैं, जो लोक मानस को गहराई से अंकित करती हैं।
वरिष्ठ साहित्यकारों की प्रतिक्रिया और कविता पाठ
लखनऊ से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार देवनाथ द्विवेदी ने कहा कि वे पिछले 30 वर्षों से इन कविताओं के रचना प्रक्रिया के साक्षी रहे हैं और उन्होंने विश्वास जताया कि ये कविताएँ हिंदी साहित्य को समृद्ध करेंगी। बबेले ने अपनी कविताओं का पाठ किया, जिसमें “भीड़ का ओढे कफन सरकार” और बुंदेली गीत “जो वे कै रए वो हम केरए” शामिल थे, जिन्हें श्रोताओं ने काफी पसंद किया। रेवा बबेले ने अपनी उम्र को देखते हुए खुद को लेखक कहने की स्थिति में न मानते हुए, महात्मा गांधी के बारे में बच्चों के बीच फैलायी जा रही भ्रांतियों को समाज के विद्वानों द्वारा दूर करने की इच्छा व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन कवि चित्रा सिंह ने किया।

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