Mp News: Vedic Clock Will Be Installed On All Jyotirlingas, Soon It Will Also Be Available In The Form Of Mobi – Amar Ujala Hindi News Live

उज्जैन में स्थापित वैदिक घड़ी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उज्जैन में स्थापित वैदिक घड़ी सभी ज्योतिर्लिंगों पर भी लगाई जाएगी। यह शीर्घ ही मोबाइल एप, कलाई घड़ी और दीवार घड़ी के रूप में लांच की जाएगी। यह जानकारी विश्व की पहली वैदिक घड़ी उज्जैन में लगाने वाले डॉ. आरोह श्रीवास्तव ने उज्जैन में हुई परिचर्चा में दी। परिचर्चा में पंचांगकर्ता, विद्वानों ने भाग लिया। वैदिक घड़ी इसलिए महत्वपूर्ण है कि ये एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय के बीच 30 घंटे का समय दिखाएगी।
60 मिनट नहीं, 48 मिनट का एक घंटा
साथ ही इसमें भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के आधार पर 60 मिनट नहीं बल्कि 48 मिनट का एक घंटा तय किया गया है। साथ ही वैदिक समय के आधार पर ही यह घड़ी अलग-अलग मुहूर्त भी दिखाएगी। यह घड़ी पुराने समय में जैसे काल और समय की गणना होती थी, उसी आधार पर गणना करेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए वैदिक घड़ी को बनाया गया है। 30 घंटे वैदिक घड़ी वैदिक गणित के आधार पर काम करती है और घड़ी से मुहूर्त भी देख सकेंगे। इस घड़ी को मोबाइल एप से भी संचालित किया जा सकता है।
30 मुहूर्त दर्शाती है यह घड़ी
वैदिक घड़ी प्राचीन भारतीय समय निर्धारण प्रणाली के आधार पर 30 मुहूर्त दर्शाती है। 30 मुहूर्त को 30 काल और 30 काष्ठ में विभाजित किया गया है। 30 मुहूर्त लगातार 2 सूर्योदयों के बीच का समय अंतराल (1 दिन और रात) 1 मुहूर्त बराबर 30 कला (वर्तमान समय प्रणाली में लगभग 48 मिनट) 1 कला बराबर 30 काष्ठ (लगभग 96 सेकंड) 1 काष्ठ बराबर लगभग 3200 मिली सेकंड। लगातार दो सूर्योदयों के मध्य की समयावधि परिवर्तनशील होती है, जिसके कारण वैदिक घड़ी वर्तमान 24 घंटों में 30 मुहूर्त 30 काल 30 काष्ठ रूपांतरण होता है। 24 घंटों में वैदिक समय प्रणाली अनुमानित है।
पंचांग और मुहूर्त देखने की सुविधा
उज्जैन की इस घड़ी का विक्रमादित्य वैदिक घड़ी नाम दिया गया है। वैदिक घड़ी दुनिया की पहली ऐसी घड़ी है जो डिजिटल होगी, जिसमें भारतीय कालगणना वैदिक समय, इंडियन स्टैंडर्ड टाइम और ग्रीनवीच मीन टाइन के साथ भारतीय कालगणना वाले विक्रम संवत पंचांग, 30 मुहूर्त, योग,भद्रा, चंद्रमा की स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्य उदय, सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण, चंद्रग्रहण इत्यादि की जानकारी ली जा सकेगी। सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर यह घड़ी समय बताएगी। बोलचाल की भाषा में अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त और अमृत काल कहा जाता है। इस घड़ी में 24 घंटों को 30 मुहूर्तों में बांटा गया है। हर मुहूर्त का एक धार्मिक नाम होता है।
वैदिक घड़ी सूर्योदय से समय की गणना करती है
वर्तमान में प्रचलित घड़ी मेकेनिकल होने से दिन व रात को बराबर 12-12 घण्टों में बांटती है परन्तु वास्तव में सम्पूर्ण विश्व में दिन व रात एक जैसे नहीं होते हैं। सूर्य उदय के समयानुसार हर शहर का दिन-रात का समय अलग-अलग होता है यह वैदिक घड़ी सूर्य सिद्धांत पर कार्य करती है। सूर्योदय से समय की गणना करती है। दिन भर के 15 मुहूर्त व रात्रि के 15 मुहूर्त दर्शाती है। इसे भविष्य में शीघ्र ही मोबाइल एप रिष्टवॉच (कलाई घड़ी) दीवार घड़ी के रूप में लांच किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिक परिषद के वैज्ञानिक राजेश शर्मा भोपाल, आचार्य वराहमिहिर वेधशाला डोंगला प्रकल्प प्रमुख घनश्याम रतनानी व विक्रम विश्वविद्यालय कार्य परिषद सदस्य श्री राजेश सिंह कुशवाह मंचासीन थे।

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