Muzaffarpur: Even After Ten Days, Jackal Is Out Of Grasp Of Forest Department, More Than 24 People Injured – Amar Ujala Hindi News Live

सियार द्वारा घायल किए गए लोगों को मुआवजा देगी सरकार
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मुजफ्फरपुर जिले में सियार के हमले से घायल लोग जहां खुद से अपने और अपने परिवार की रक्षा लाठी-डंडे और अन्य सामग्री से कर रहे हैं। वहीं, वन विभाग द्वारा सियार के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन बीते 10 दिनों से जारी है। लेकिन अब तक कोई भी सियार वन विभाग के पिंजरे में नहीं आ सका है। इसके बाद अब ग्रामीण भी खुद के भरोसे कार्रवाई में जुटे हुए हैं।
दस दिनों से दहशत में जी रहे ग्रामीण
जानकारी के मुताबिक, बीते 10 दिनों से जारी वन विभाग के रेस्क्यू ऑपरेशन में टीम के हाथ अब तक खाली हैं। बीते 10 दिन में अब तक आठ पिंजरों को वन विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्र में लगाया जा चुका है। अब रेस्क्यू टीम की दिन-रात की गश्ती का भी असर दिखने लगा है।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से सियार के हमले की ही सूचना नहीं मिली है। इसके बावजूद वन विभाग की रेस्क्यू टीम के नोडल प्रभारी डा. राजीव रंजन के साथ रजनीश कुमार, पंकज कुमार और अन्य वन कर्मी प्रभावित इलाके की लगातार गश्ती कर रहे हैं। वहीं, अभी भी पूरे इलाके के ग्रामीणों में सियार के आतंक का खौफ कायम है। जिले के शेरपुर पंचायत के हसनचक बंगरा और माधोपुर नगर पंचायत के विशुनपुर गिद्धा और चकभिक्की गांव आदि जगहों पर लोगों को हमला कर जख्मी करने वाला सियार अब तक पकड़ में नहीं आया है।
घायल लोगो को अब सरकार देगी मुआवजा
बीते कुछ दिनों से जिले की अलग-अलग जगहों में सियार के हमले में घायल हुए लोगों के जख्म पर अब राज्य सरकार मरहम लगाएगी। इसके लिए अलग-अलग स्लॉट पहले से तय किया हुआ है। इसमें कम जख्मी को राज्य सरकार की ओर से कुल 24 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। इसके साथ सियार ने जिन लोगों को गंभीर रूप से जख्मी किया है, उनको 1.44 लाख रुपये भी मिलेंगे। इसके साथ साथ सियार के हमले में मरने वाले के लोगों के आश्रितों को 10 लाख रुपये तक देने का प्रावधान किया गया है। इस संबंध में पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में सियार के हमले में जख्मी हुए प्रखंड के कई गांव के पीड़ित शामिल हैं।

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