National Lok Adalat 1852 Cases Were Resolved In Shivpuri And 3201 Cases In Sehore Know What Else Happened – Amar Ujala Hindi News Live
विस्तार
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार दिनांक 14 सितंबर 2024 को जिला मुख्यालय शिवपुरी एवं तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला मुख्यालय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के एडीआर भवन में प्रातः 10ः30 बजे माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद सोनी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर अखिलेश शुक्ला, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय वंदना जैन, विशेष न्यायाधीश दीपाली शर्मा, द्वितीय जिला न्यायाधीश विवेक शर्मा, प्रथम जिला न्यायाधीश योगेन्द्र कुमार त्यागी, सचिव डीके सिंह, चतुर्थ जिला न्यायाधीश विवेक पटेल, पंचम जिला न्यायाधीश अमित कुमार गुप्ता, सप्तम जिला न्यायाधीश विधान माहेश्वरी, तृतीय जिला न्यायाधीश, न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार बौरासी, जितेन्द्र मेहर, पूजा पाठक बौरासी, अमित प्रताप सिंह, रूपम तोमर, कुमारी प्रत्यक्षा कुलेश, मिताली वाणी वर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी डॉ. वीरेन्द्र कुमार चढ़ार, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ विजय तिवारी, संदीप कालरा, जीएम अरूण शर्मा, डीजीएम, विद्युत विभाग, बीमा कंपनी अधिवक्ता दिलीप गोयल, लीगल एड डिफेंस काउंसिल से आलोक श्रीवास्तव एवं समस्त स्टॉफ अधिवक्ता वीरेन्द्र शर्मा, मनीष मित्तल, संजय शर्मा, पीएलव्ही कपिल धाकड, संदीप शर्मा, अमन शर्मा, ललित शर्मा, कृष्णकांत नामदेव, कुमारी स्वाती राठौर, गोपाल राठौर, नीरू रावत, अभिषेक माझी और देवेन्द्र कुशवाह उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत में जिले की कुल 29 खंडपीठों के माध्यम से 1,852 मामलों का निराकरण हुआ एवं लगभग 2,998 से अधिक पक्षकार लाभान्वित हुए। निराकृत मामलों में विचाराधीन मामले 841 एवं प्रिलिटिगेशन स्तर के मामले 1,011 शामिल थे एवं राशि 3,50,24,658 का अवॉर्ड पारित हुआ एवं अन्य मामलों में राशि रुपये 81,3,41,437 का राजस्व जमा कराया गया।
प्रिलिटिगेशन स्तर के लगभग 78 लाख रुपये के मामले का हुआ निराकरण
चिकित्सा महाविद्यालय शिवपुरी का लगभग छह वर्ष से जलकर का लगभग 83 लाख रुपये बकाया था, उक्त जलकर के बकाया के संबंध में चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को लोक अदालत में प्रिलिटिगेशन प्रकरण के रूप में दर्ज करने का निवेदन किया, जिसके परिणाम स्वरूप नगर पालिका एवं चिकित्सा महाविद्यालय के मध्य माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद सोनी के निर्देश पर सचिव योगेन्द्र कुमार त्यागी के द्वारा प्रिसिटिंग की गई, जिसमें नगर पालिका सीएमओ ईशान धाकड़ एवं चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ. विकास त्यागी का मामले के निराकरण हेतु सकारात्मक रूख के परिणामस्वरूप उक्त प्रिलिटिगेशन प्रकरण राशि रुपये 55,25,063 में निराकृत हुआ। इस प्रकरण के निराकरण के साथ ही यह संदेश मिला कि प्रिलिटिगेशन स्तर के मामलों में भी लाखों रुपये के मामलों का निराकरण हो सकता है।
कई वर्षों से अलग रह रहे पति पत्नी लोक अदालत में हुए एक
प्रकरण विशेष प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अखिलेश शुक्ला के विशेष प्रयासों से कई पारिवारिक मामलों का निराकरण हुआ, जिनमें से कुछ विशेष प्रकरण इस प्रकार रहे। ग्राम गोपालपुरा जिला शिवपुरी की आवेदिका प्रतिभा जाटव जिनका विवाह अनावेदक शिवेन्द्र जाटव निवासी ग्राम बामौर जिला मुरैना के साथ लगभग छह वर्ष पूर्व हिन्दू रीति रिवाज से संपन्न हुआ। विवाह के उपरांत ही ससुराल पक्ष द्वारा दहेज की मांग एवं अन्य शारीरिक प्रताड़ना के कारण पति पत्नी अलग रहने लगे। आवेदिका द्वारा भरण पोषण की मांग हेतु दावा प्रस्तुत किया। लोक अदालत में समझाइश के परिणाम स्वरूप उभय पक्ष एक साथ जाने को राजी हुए एवं खुशी-खुशी अपने घर गए।
आवेदिका शैलजा निवासी फतेहपुर कॉलोनी एवं अनावेदक सुमंगल कुशवाह ग्राम लहारपुर जिल शिवपुरी के मध्य वर्ष 2022 में विवाह संपन्न हुआ। दोनों के मध्य एक पुत्र होने के बावजूद भी घरेलू हिंसा के साथ-साथ दहेज के नाम पर कार एवं पांच लाख रुपये की मांग के कारण मई 2024 में पति पत्नी अलग रहने लगे, जिसके कारण आवेदिका ने पति के विरुद्ध भरण पोषण का आवेदन प्रस्तुत किया। लेकिन लोक अदालत में मामला रजिस्टर्ड होने के कारण एवं पीठ के प्रयासों से मामले का निराकरण तथा दोनों पक्ष साथ रहने को सहमत हुए।
आइना जहां फिजीकल कॉलोनी शिवपुरी एवं फईन खान निवासी नरवर के मध्य 2021 में विवाह हुआ। उभय पक्ष के मध्य एक पुत्री ने जन्म लिया, किन्तु पति द्वारा पत्नी के साथ मारपीट करने, दहेज के रूप में संपत्ति व पैसा लाने के दवाव के कारण पत्नी आइना जहां नरवर ने भरण पोषण के लिए दावा प्रस्तुत किया। किन्तु मामला लोक अदालत में प्रस्तुत होने के कारण मामले का आसानी से निराकरण हुआ एवं उभय पक्ष हंसी खुशी साथ जाने को सहमत हुआ।
सीहोर में नेशनल लोक अदालत: 3201 प्रकरणों का निराकरण किया गया
सीहोर जिले में जिला एवं तहसील स्तर पर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा ने किया। लोक अदालत में 3201 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि रुपये 18 करोड़ 94 लाख 12 हजार 712 जमा हुई।
प्रधान जिला न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि हमें हर योजना को उसके मूर्त रूप में लागू कर आमजन को लाभान्वित करना चाहिए। आमजन को सस्ता सरल और सुलभ न्याय दिलाने का लोक अदालत एक प्रभावी स्थान है, जो वर्तमान समय में समाज के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत से लोगों का धन और समय दोनों की बचत के साथ ही आपसी सौहार्द भी बना रहता है। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के त्वरित निराकरण से पक्षकारों का न्यायिक प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ता है, जिससे और अधिक न्याय प्राप्ति के लिए इच्छुक पक्षकार अपने विवाद लेकर न्यायालय के समक्ष आने के लिए प्रेरित होते हैं।
प्रधान जिला न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल जगत में अनेक प्रतियोगिताए जीतने वाली सीहोर जिले की कु बुसरा खान एवं कु ईशा पटेल को उनके प्रदर्शन के लिए मोमेन्टो एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सत्यसाई यूनिवर्सिटी के विधि संकाय के छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गये।
कुल 3201 प्रकरणों का किया गया निराकरण
आज आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 3201 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि 18 करोड़ 94 लाख 12 हजार 712 रुपये जमा हुए हैं। नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराये जाने के लिए न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम में लंबित 5043 प्रकरण रखे गये थे, जिनमें से 1083 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर हुआ एवं समझौता 15 करोड़ 96 लाख 63 हजार 913 रुपये जमा कराई गई। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खंडपीठ के समक्ष कुल 20,995 प्री लिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें से 2,118 प्रकरणों का निराकरण हुआ एवं समझौता राशि 02 करोड़ 97 लाख 48 हजार 799 रुपये जमा कराई गई।
अलग-अलग रह रहे दंपती खुशी-खुशी साथ लौटे
नेशनल लोक अदालत में आवेदक राहुल मीना ने अपनी पत्नी पूजा मीना के विरुद्ध कुटुम्ब न्यायालय सीहोर में धारा-9 हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत मामला प्रस्तुत किया। दोनों का विवाह होने के छह महीने तक दोनों साथ रहे। इसके बाद पति-पत्नी के मध्य छोटी-मोटी पारिवारिक विवाद के कारण वे अलग-अलग रहने लगे। इस प्रकरण में पारिवारिक मामला तथा भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रधान न्यायाधीश सुमन श्रीवास्तव द्वारा समझाइश के पश्चात् दोनो पक्षों ने राजीनामा कर साथ जाने पर सहमति व्यक्त की। इस प्रकरण के राजीनामा करने के बाद दोनों पक्ष एक दूसरे को फूल माला पहनाकर खुशी-खुशी घर लौटे।
बहु ने स्वीकार की बुजुर्ग ससुर के पालन पोषण की जिम्मेदारी
नेशनल लोक अदालत में आवेदक बहु सरिता द्वारा बुजुर्ग ससुर पन्नालाल के विरुद्ध एक प्रकरण घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत प्रस्तुत किए प्रकरण में बहु ने यह स्वीकार किया कि वह बुजुर्ग ससुर का पालन पोषण करेगी और इसके बदले में ससुर ने कहा कि वह बहु को अपने हिस्से की संपत्ति देंगे। इसके साथ यह प्रकरण निराकृत किया गया। यह ससुर और बहु के बीच एक भावुक क्षण था।
यह थे उपस्थित
कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय सुमन श्रीवास्तव. विशेष न्यायाधीश हेमंत जोशी, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश संजय गोयल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एमके वर्मा, तृतीय जिला न्यायाधीश अभिलाष जैन, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्चना नायडू बोड़े, जिला रजिस्ट्रार/न्यायिक मजि प्रथम श्रेणी स्वप्नश्री सिंह एवं अन्य न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम यादव, जीशान खान जिला विधिक सहायता अधिकारी, सत्य साईं विश्वविद्यालय सीहोर से फैकल्टी सदस्य एवं आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, एनजीओ के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, मुख्यालय सीहोर के पैनल एवं अन्य अधिवक्तागण लीगल एड डिफेंस काउंसिल्स, खण्डपीठ सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारीगण, पक्षकारगण न्यायालयीन कर्मचारी गण, पैरालीगल वालेन्टियर्स आदि उपस्थित रहे। राजीनामा करने वाले सभी पक्षकारों को प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा फूल माला एवं पौधे भी वितरित किए गए।

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