navratri 8th day maa mahagauri puja importance significance हर मनोरथ पूर्ण करती हैं मां महागौरी, उपासना से प्राप्त होती हैं अलौकिक सिद्धियां, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़
नवरात्र में आठवें दिन मां महागौरी की उपासना की जाती है। मां का यह रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद हैं। इसीलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा कहा गया है। मां का वाहन वृषभ है, इसीलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा गया है। पति रूप में भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए मां महागौरी ने कठोर तपस्या की थी। इसी वजह से इनका शरीर काला पड़ गया, लेकिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर कांतिमय बना दिया। उनका रूप गौर वर्ण का हो गया। इसीलिए मां महागौरी कहलाईं। अपने पूर्व जन्म में मां ने पार्वती रूप में भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। मां का शरीर धूल मिट्टी से ढंककर काला हो गया जब शिवजी ने गंगाजल से इनके शरीर को धोया तब गौरी जी का शरीर दैदीप्यमान हो गया, तब से मां महागौरी नाम से विख्यात हुईं।
मां महागौरी को अन्नपूर्णा, ऐश्वर्यप्रदायनी कहा जाता है। मां की आराधना से अलौकिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं। मां साधक की हर मनोकामना को पूरा करेंगे। मां अपने भक्तों को बल और बुद्धि का आशीष प्रदान करती हैं। मां महागौरी को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है। यदि किसी के विवाह में विलंब हो रहा हो तो मां महागौरी की साधना करें, मनोरथ पूर्ण होगा। मां का स्वरूप अति शांत है। मां महागौरी की पूजा से सभी पाप धुल जाते हैं। मन और शरीर शुद्ध हो जाता है। मां की पूजा से मन की पवित्रता बढ़ती है। सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होने लगती है। मां की उपासना से एकाग्रता में वृद्धि होती है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

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