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अजित पवार ने 8 विधायकों के साथ एनसीपी से 2 जुलाई को बगावत कर ली थी और एकनाथ शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बन गए थे। इसके अलावा अन्य 8 नेताओं को भी मंत्री बना दिया गया था। गुट का दावा है कि 30 से ज्यादा विधायक उनके साथ हैं। इस बीच शरद पवार और अजित पवार गुट में शायद फिर कोई खिचड़ी पकती दिख रही है? रविवार को अजित पवार ने अपने समर्थकों के साथ चाचा शरद पवार से मुलाकात की थी। अब सोमवार को वह फिर से वाईबी चव्हाण सेंटर पहुंचे और शरद पवार से मुलाकात की। बीते 24 घंटों में यह दूसरी मुलाकात थी। इस मुलाकात को लेकर तमाम चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं, लेकिन शरद पवार शायद भतीजे के बागी गुट को फिलहाल भाव देने के मूड में नहीं हैं।
शरद पवार से मिलकर निकले विधायकों ने कहा कि उन्होंने हमारी बात को पूरी गंभीरता के साथ सुना। हम जो कहना चाहते थे, वह उनसे कह दिया। लेकिन उन्होंने हमारी बातों पर कोई जवाब ही नहीं दिया। मुलाकात के बाद विधायकों संग बाहर निकले प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमने एक बार फिर से उनसे बात की कि वह पार्टी को एकजुट बनाए रखें। उन्होंने कहा, ‘शरद पवार ने हमारी बात को गंभीरता से सुना, लेकिन कोई जवाब ही नहीं दिया। हम नहीं जानते कि आखिर उनके दिमाग में क्या चल रहा है।’
चाचा और भतीजे में फिर पक रही खिचड़ी? पवार से मिले अजित और बागी MLA
इससे पहले रविवार को भी अजित पवार गुट ने मुलाकात की थी। तब भी शरद पवार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला था। हालांकि इन मुलाकातों ने कयासों का दौर जरूर तेज कर दिया है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत ने इन मुलाकातों पर तंज कसते हुए कहा कि हम होते तो इन लोगों को भाव नहीं देते। उन्होंने कहा कि हर पार्टी शिवसेना जैसी नहीं होती। उन्होंने कहा कि हम होते तो ऐसे गद्दारों और अवसरवादियों के लिए दोबारा गेट नहीं खोलते। लेकिन सबकी विचारधारा उद्धव ठाकरे जी की नहीं होती।

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