रेवाड़ी: हरियाणा के रेवाड़ी की नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी (EO) अभे सिंह यादव को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। सूत्रों के अनुसार नो-ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) रिश्वतकांड में उन पर गाज गिरी है। मार्च में रेवाड़ी नगर परिषद में NDC को लेकर 2 लाख रुपए की डिमांड की गई थी। इसी के चलते उन पर कार्रवाई हुई है।मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी के रहने वाले जगदीश उर्फ जग्गी नाम के शख्स से 2 लाख रुपए एनडीसी की एवेज में रिश्वत मांगने के मामले में 29 मार्च 2022 को गुरुग्राम विजिलेंस ब्यूरों ने नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अभे सिंह यादव, ME सोहन और उनके पिता पब्लिक हेल्थ के SDO नंदलाल के खिलाफ क्रप्शन की 5 नंबर एफआईआर दर्ज की थी। जिसके बाद विजिलेंस ब्यूरों ने रेवाड़ी पहुंचकर रिकॉर्ड भी खंगाला था, लेकिन इसके बाद से ही मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था। अब सरकार ने EO अभे सिंह यादव को सस्पेंड कर दिया है।यह था पूरा मामलास्टेट विजिलेंस ब्यूरो गुरुग्राम को शिकायत करने वाले रेवाड़ी शहर के कालका रोड स्थित विकास नगर निवासी जगदीश ने बताया था कि उनके चाचा रविन्द्र ने अपने बेटे के नाम लिए प्लॉट की ट्रांसफर परमिशन (TP) के लिए दिसंबर 2021 में आवेदन करना था। इसके लिए नगर परिषद से नो-ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) की जरूरत थी तो उन्होंने नगर परिषद के बाहर स्थित CSC सेंटर से ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन कई दिनों तक उनके पास NDC से संबंधित कोई मैसेज नहीं आया।इसके बाद ऑनलाइन अप्लाई करने वाले व्यक्ति ने 20 हजार रुपए की डिमांड करते हुए काम कराने की बात की तो उसने 10 हजार रुपए एडवांस भी दे दिए, लेकिन काम नहीं होने पर पैसे वापस मिल गए। नगर परिषद के पटवारी से मिलने पर उसने भी 5 हजार मांगे तो उसे 1 हजार रुपए दे दिए। कुछ दिन बाद जब रजिस्टर देखा तो फाइल जेई और उसके बाद एमई, सचिव और ईओ के पास जा चुकी थी, लेकिन काम नहीं हुआ तो वह ईओ अभे सिंह से मिले। ईओ ने कुछ आपत्तियां लगाते हुए फाइल रिजेक्ट कर दी।2 लाख रुपए मांगे गएशिकायतकर्ता जगदीश ने बताया था कि उन्होंने प्रॉपर्टी आईडी चेक की तो उसमें 1 हजार वर्ग गज प्लॉट की आईडी मिली, जबकि उनके 2 प्लॉट का कुल साइज 1 हजार 44 वर्ग गज था। 24 जनवरी 2022 को प्रॉपर्टी आईडी में रिकॉर्ड दुरुस्त कराने के लिए फाइल लगाई गई। 5 फरवरी 2022 को उसे रिजेक्ट कर दिया गया। इसी तरह 4 बार और लगाई गई फाइल भी रिजेक्ट हो गई। जगदीश की मानें तो एमई सोहन ने 2 लाख रुपए में काम हो जाने की बात कहते हुए घर बुलाया था।जब वे एमई के घर पहुंचे तो वहां पर उनके पिता पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के SDO नंदलाल मिले। नंदलाल को 2 लाख रुपए में डील हो जाने की बात बताई। नंदलाल ने फोन पर एमई सोहन से बात की और जगदीश का काम करने की बात कही। साथ ही बताया कि 2 लाख रुपए में एमई, जेई, एक्सईएन, ईओ, बीआई सभी आ गए हैं। नंदलाल से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग विजिलेंस ब्यूरो को दी गई। विजिलेंस ने ईओ अभे सिंह, एमई सोहन, एमई के पिता SDO नंदलाल के खिलाफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 7ए के तहत केस दर्ज किया है।छुट्टी के दिन दे दी एनडीसीशिकायतकर्ता जगदीश की मानें तो 21 मार्च को जिस दिन शिकायत दी, उसी दिन विजिलेंस कार्रवाई के लिए रेवाड़ी पहुंची थी, लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों को पहले ही रिकॉर्डिंग भेजे जाने की भनक लग गई थी, जिससे विजिलेंस की कार्रवाई कामयाब नहीं हो सकी। इस बीच 23 मार्च को शहीदी दिवस की छुट्टी के दिन उन्हें एनडीसी भी दे दी गई। हालांकि इससे पहले समझौते के लिए नगर परिषद के अधिकारियों ने अपने बिचौलिए के जरिए उनसे संपर्क किया। मामले को दबाने की भरसक कोशिश की गई, मगर वे नहीं माने। 29 मार्च को गुरुग्राम विजिलेंस ब्यूरों ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की।

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