20 अप्रैल 2025 को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षकों ने नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के नए नियम के खिलाफ काली पट्टी बाँधकर विरोध जताया। NMC ने कहा है कि शिक्षकों को कॉलेज के 100 मीटर दायरे में रहना होगा, GPS ऑन रखना होगा और मोबाइल ऐप से चेहरा दिखाकर अटेंडेंस देनी होगी। शिक्षकों ने इसे निजता का उल्लंघन और जासूसी जैसा बताया। कई वरिष्ठ शिक्षक, जो कीपैड मोबाइल यूज़ करते हैं, इसे लागू करने में मुश्किल बता रहे हैं।
बुंदेलखंड चिकित्सा शिक्षक एसोसिएशन ने इस आदेश को बेतुका बताया और 21 अप्रैल 2025 को दोपहर 1 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरना देने का फैसला किया। एसोसिएशन ने NMC को पत्र लिखकर इस नियम को वापस लेने की माँग की और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज़ होगा। शिक्षकों ने ये भी कहा कि NMC कम संसाधनों में कॉलेज खोलकर और ज़्यादा सीटें मंजूर करके मेडिकल एजुकेशन का स्तर गिरा रहा है। आइए, इस विरोध की दो अहम बातें जानें।
GPS और ऐप से शिक्षकों की नाराज़गी
NMC का नियम शिक्षकों से माँग करता है कि वो कॉलेज के 100 मीटर दायरे में रहें और GPS हमेशा ऑन रखकर ऐप से अटेंडेंस दें। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सर्वेश जैन ने इसे जासूसी और निजता पर हमला बताया। कई वरिष्ठ शिक्षक कीपैड मोबाइल यूज़ करते हैं, जिनके लिए स्मार्टफोन और ऐप मुश्किल है। शिक्षकों ने कहा कि NMC को शिक्षा की क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए, न कि ऐसी शर्तें थोपनी चाहिए।
NMC की नीतियों पर सवाल
शिक्षकों का कहना है कि NMC की नीतियाँ मेडिकल एजुकेशन को कमज़ोर कर रही हैं। कम संसाधनों में कॉलेज खोलने और ढेर सारी सीटें मंजूर करने से ट्रेनिंग का स्तर गिर गया है। सचिव डॉ. अखिलेश रत्नाकर ने कहा कि नए डॉक्टर बिना ढंग की स्किल्स के पास हो रहे हैं। काली पट्टी और धरने के ज़रिए शिक्षक NMC से शिक्षा सुधार की माँग कर रहे हैं।
