Now Preparations Are Being Made To Settle The Song Dam Displaced People In Ranipokhari Uttarakhand News – Amar Ujala Hindi News Live

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– फोटो : अमर उजाला
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सौंग बांध परियोजना के विस्थापितों को रानीपोखरी क्षेत्र में बसाने की तैयारी है। इसके लिए सिंचाई विभाग ने वहां उद्योग और रेशम विभाग की भूमि को प्रारंभिक तौर पर चिह्नित की है। इस भूमि को लेकर प्रभावित परिवारों ने अपनी सहमति दे दी है। ऐसे में पुनर्वास का मामला जल्द हल होने के आसार हैं।
सौंग बांध परियोजना के जरिए देहरादून और आसपास के क्षेत्र में 150 एमएलडी पेयजल आपूर्ति की जानी है। इसके लिए सौंग नदी पर पांच किमी की झील बननी है। इस झील के निर्माण से सौंधाना, घुड़साल और प्लेड गांव के 30 परिवार विस्थापित हो रहे हैं। इन परिवारों के पुनर्वास के लिए भूमि की तलाश की जा रही थी।
सिंचाई विभाग ने पहले 15 हेक्टेयर भूमि देखी थी, बाद में यह वन भूमि निकली। बाद में नए सिरे से भूमि को तलाश किया जा रहा था। अब रानीपोखरी क्षेत्र में करीब 11 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित किया गया है। यह भूमि उद्योग और रेशम विभाग की है, ऐसे में भूमि को लेकर अन्य प्रक्रियाओं और फाइनल निर्णय अभी बाकी है।
हर परिवार को आधा एकड़ भूमि, आवास के लिए भी
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता सुभाष पांडे कहते हैं कि हर परिवार को आधा एकड़ भूमि और 200 वर्ग फीट आवासीय भूमि मिलेगी। प्रभावित परिवारों से बातचीत गई है, वे चिह्नित भूमि से सहमत हैं। विस्थापित होने वाले परिवारों को दो करोड़ की राशि देने का भी विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने भूमि लेने की बात कही है। सौंग बांध परियोजना निर्माण पर करीब 2,500 करोड़ की राशि खर्च होगी। पांच साल में बांध बनने का लक्ष्य रखा गया है।
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रानीपोखरी में पुनर्वास के लिए भूमि देखी गई है, लेकिन यह भूमि उद्योग और रेशम विभाग की है। इसके लिए मुख्य सचिव और संंबंधित विभाग के पास प्रस्ताव रखा गया है। अभी अंतिम अनुमोदन नहीं मिला है। बांध निर्माण के लिए वन भूमि हस्तांतरण संबंधी प्रक्रिया भी चल रही है, पर पहली प्राथमिकता परिवारों का पुनर्वास है। -आर राजेश कुमार, सचिव सिंचाई विभाग

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