Pahalgam Terror Attack From Wedding To Funeral In 7 Days Lieutenant Vinay Bride Left In Mourning – Amar Ujala Hindi News Live

Pahalgam Attack: अप्रैल माह की 16 तारीख और सेक्टर-7 में खुद बनाए अपने सपनों के घर का आंगन। जहां मंढा बांधने के बाद नई जिंदगी की शुरुआत के लिए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की बरात निकली थी लेकिन ठीक सातवें दिन बुधवार को उसी जगह से विनय की अर्थी उठी। जिस जगह पर मंगल गीत गाए जा रहे थे, वहां अब चीख पुकार मची है। सप्ताह भर में ही घर की खुशियां मातम में बदल गईं और माता-पिता के अलावा दादा-दादी को भी जिंदगी भर का दर्द दे गई। वहीं, सबसे बड़ा दर्द पत्नी हिमांशी के लिए है, जिसने अभी ससुराल के माहौल को भी ठीक से समझा नहीं था।
पति के साथ उनकी शादी के बाद होने वाली कईं रस्में भी शेष थीं। जिस मंढे को खुशियों के साथ बांधा गया था, उसे भी खोलना अभी बाकी था। कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने महज छह दिनों में सात जन्मों के लिए बंधन में बंधे विनय और हिमांशी के रिश्ते को खत्म कर दिया। मंढा एक रस्म होती है, जिसे लड़के की शादी से पूर्व पितृ पूजन करके घर के आंगन में मटके के ढक्कन आदि को सुतली में पिरोकर बांधा जाता है और शादी संपन्न होने के बाद उसे खोलते हैं।
शौक से पहना सुहाग चूड़ा अब सूनीं हो गईं कलाइयां
शादी से पहले हिमांशी ने शौक से सुहाग का चूड़ा पहना था। अब पति के जाते ही चूड़ा उतरने पर कलाइयां सूनी पड़ गईं। अब बेसुध हिमांशी को समझ नहीं आ रहा कि उसकी खुशियों भरी जिंदगी की शुरुआत में ही ये कैसे हो गया। साथ जीने-मरने की खाई कसम को आतंकियों ने तोड़ दिया। हाथों में सजा सुहाग का चूड़ा भी उतरा गया। वहीं, इकलौते बेटे की शादी का दादा और पिता ने सेक्टर-7 स्थित घर में जश्न मनाया था। मंगलवार रात तक मिठाइयां थीं लेकिन अचानक गम का माहौल बन गया।
हम भेलपुरी खा रही थे, एक आदमी आया.. मार दी गोली
घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें हिमांशी कह रही हैं, मैं अपने पति के साथ भेलपुरी खा रही थी। एक आदमी आया और कहा ये मुस्लिम नहीं है, फिर गोली मार दी। दिल्ली में उनके पार्थिव शरीर पर हिमांशी रोती रहीं और उन्हें सैल्यूट किया। कहा-मुझे तुम पर गर्व है।
चाचा बोले-सेना में जवान कम हैं तो हम विनय का बदला लेने को तैयार
विनय नरवाल के चाचा सुरजीत नरवाल ने सरकार से आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि सेना में जवान कम हैं तो सरकार मुझे मौका दे, मैं अपनी नौकरी छोड़कर विनय और अन्य लोगों की मौत का बदला लेने को तैयार हूं। सुरजीत नरवाल ने कहा कि विनय बहादुर था। कॉल पर उसकी पत्नी ने बताया था कि विनय ने एक-दो आतंकियों को तो अकेले ही पकड़ लिया था, इस दौरान एक आतंकी ने उसे गोली मार दी। उन्होंने प्रधानमंत्री से आतंकवाद पर कार्रवाई की मांग की है।

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