parenting guide never stop child for 4 things can make him lose confidence low esteem kids Parenting Tips: बच्चों को इन 4 कामों के लिए कभी ना रोकें, नहीं तो लाइफ में होंगे बार-बार फेल, पेरेंटिंग टिप्स
बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखना, उनकी जरूरतों को पूरा करना, समस्याओं को सुलझाना तो पैरेंट्स का काम है। लेकिन हर वक्त बच्चे के साथ रहना और उसके हर छोटे-बड़े काम खुद से करना बच्चों को कमजोर बनाने का एक प्रोसेस है। ऐसा करने से बच्चे बड़े होने के बाद भी बिना मां-बाप के सहारे के छोटे से छोटा डिसीजन भी खुद से नहीं ले पाते हैं। अगर आप अपने बच्चे के हर काम में मदद करते हैं तो फौरन रुक जाएं और जान लें कि कौन से वो 4 काम हैं जो बच्चे को करने से नहीं रोकना चाहिए। वरना बच्चा लाइफ में बार-बार फेल होगा।
बच्चे को बोलने पर ना रोक लगाएं
बच्चा जब 1-2 साल का होता है तो बोलना सीखता है और एक बार बोलने लगता है तो हर दिन नए शब्द और चीजों को सीखता, समझता और एक्सप्लोर करता है। जिसे शब्दों की मदद से एक्स्प्रेस करता है। बच्चे को कभी भी बोलने से ना रोकें. जब भी सवाल पूछे तो उसे सही और सटीक जवाब देने की कोशिश करें। आसपास की चीजों को जितना ज्यादा वो एक्सप्लोर कर बोलेगा, उतना ही ज्यादा एक्सप्रेसिव और कॉन्फिडेंट बनेगा। अगर को हर वक्त बोलने पर टोकेंगी तो जल्दी ही बच्चे का कॉन्फिडेंस लूज होने लगेगा और बच्चा मन की बात को कभी भी एक्सप्रेस नहीं कर पाएगा।
बच्चे को पार्टीसिपेट ना करने देना
बच्चा स्कूल, सोसाइटी, पार्क कहीं पर भी खेल, प्रोग्राम या किसी भी इवेंट में पार्टीसिपेट कर रहा है तो उसे रोकें नहीं बल्कि आगे बढ़ाएं। ऐसा करने से बच्चे ना केवल नई चीजें सीखेंगे बल्कि लाइफ का सबसे जरूरी लेसन फेलियर को भी हैंडल करना सीखेंगे। खेल में हार मिलने पर वो कैसे हार को हैंडल करना है सीखेगा। इसलिए बच्चों को कभी भी पार्टीसिपेट करने से ना रोकें।
खुद से निर्णय ना लेने देना
बच्चा बहुत छोटा जब 3-4 साल का है और उसे अपने मन का कपड़ा चुनना है। लेकिन आप उसे बार-बार दूसरी चीज पहनने के लिए फोर्स करती हैं। या फिर वो अपने लिए पेंसिल, रबर जैसी चीज सलेक्ट करता है तो भी आप अपनी पसंद पकड़ा देती हैं। ऐसा करने से बच्चे का कॉन्फिडेंस लूज होता है। उसे खुद से निर्णय लेने दें कि उसे क्या चाहिए और क्या नहीं। ये छोटी-छोटी बातें बच्चों को बड़े होने पर डिसीजन लेने की क्षमता पैदा करते हैं।
गलतियों से बचाना
हर वक्त बच्चे के आगे-पीछे मौजूद रहना कि बच्चा कहीं गलती ना कर दें। ये आदत बच्चे को कमजोर बनाती है। क्योंकि बच्चा जब गलती करेगा तभी सीखेगा और उस गलती का सॉल्यूशन खोजेगा। इसलिए बच्चे को बिल्कुल भी मिस्टेक ना करने देना भी गलत है। छोटी गलतियां भी लाइफ के लिए सबक होती हैं।

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