Patna News: Bihar’s Big Leap In Field Of Energy, Grant Demand Of Rs 13,484.35 Crore For Financial Year 2025-26 – Amar Ujala Hindi News Live
बिहार सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ऊर्जा विभाग की ओर से 13,484.3517 करोड़ रुपये की अनुदान मांग विधान सभा में प्रस्तुत की गई। अपने बजट भाषण में माननीय ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने राज्य की उपलब्धियों और भावी योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिजली उत्पादन, संचरण और वितरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार हुए हैं।
रिकॉर्ड राजस्व संग्रहण से उपभोक्ताओं को राहत
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं के सहयोग से 15,109 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व संग्रहण हुआ। इससे विभाग को 1,274 करोड़ रुपये का लाभ मिला। इस लाभ का सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिला और बिजली दरों में प्रति यूनिट 15 पैसे की कमी की गई। यह राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिसमें वह सस्ती और सुलभ बिजली उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
‘मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना से सबको राहत’
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के अंतर्गत 15,343 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया, जिससे सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली दरों में राहत मिली। विशेषकर किसानों को बड़ी राहत देते हुए सिंचाई के लिए बिजली दर मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट कर दी गई है, जो डीजल पंप की तुलना में 10 गुना सस्ती सिंचाई को संभव बनाता है।
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किसानों के लिए बिजली कनेक्शन और कृषि फीडर का विस्तार
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत अब तक 5.81 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है। शेष किसानों को सितंबर 2026 तक कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। RDSS योजना के तहत 2,274 कृषि फीडरों का निर्माण पूरा हो चुका है, जिससे किसानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है।
स्मार्ट प्री-पेड मीटरिंग में देश में अग्रणी बिहार
बिहार ने स्मार्ट प्री-पेड मीटरिंग के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। अब तक 62 लाख से अधिक स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जा चुके हैं, जिससे उपभोक्ताओं को खपत पर नियंत्रण और पारदर्शिता मिली है। यह पहल उपभोक्ता-केंद्रित ऊर्जा प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान में ऐतिहासिक गिरावट
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉस (AT&C Loss) 2005 में 59.24 प्रतिशत से घटकर 2025 में 19.94 प्रतिशत रह गया है। यह बेहतर प्रबंधन और कार्यक्षमता का परिणाम है। वर्तमान में बिहार में बरौनी, कांटी, बाढ़, नबीनगर और कहलगांव समेत विभिन्न ताप विद्युत संयंत्रों की कुल स्थापित क्षमता 8,850 मेगावाट है। बाढ़ परियोजना की 660 मेगावाट की नई इकाई इस वर्ष शुरू हो रही है। वहीं, बक्सर (चौसा) में 1,320 मेगावाट की परियोजना 2025-26 में शुरू होगी। भागलपुर के पीरपैंती में 2,400 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना को स्वीकृति मिल चुकी है, जो राज्य की सबसे बड़ी निजी निवेश वाली परियोजना होगी।
अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ते कदम
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 11,383 सरकारी भवनों पर 100 मेगावाट और 5,683 निजी भवनों पर 21 मेगावाट के रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाए गए हैं। राज्य में 178 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। दरभंगा, सुपौल और नवादा की फ्लोटिंग सौर परियोजनाएं तथा विक्रम और कजरा की सौर एवं बैटरी भंडारण परियोजनाएं इस दिशा में अहम कदम हैं। कजरा में निर्माणाधीन 495 मेगावाट-आवर बैटरी भंडारण परियोजना देश की सबसे बड़ी होगी।
संचरण प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में काम
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य की संचरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 10 नए ग्रिड उपकेंद्रों की निविदाएं जारी कर दी गई हैं। बिहार की संचरण कंपनी को इस वर्ष भारत सरकार द्वारा A+ रैंकिंग प्रदान की गई है। GIS तकनीक आधारित तीन ग्रिड उपकेंद्रों को चालू कर दिया गया है, जिससे विद्युत आपूर्ति प्रणाली और सशक्त हुई है।
भविष्य की योजनाओं की झलक
आगामी वित्तीय वर्ष में 16 ग्रिड सब-स्टेशनों पर 500 मेगावाट-आवर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगाया जाएगा। दुर्गावती डैम में 10 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर परियोजना, नहर किनारे 20 मेगावाट और तालाबों/चौर क्षेत्रों में 20 मेगावाट की रेज्ड स्ट्रक्चर सौर परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
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शहरी और ग्रामीण बिजली संरचना में बड़ा निवेश
पटना शहर के विद्युत ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए 296.93 करोड़ रुपए की योजना को स्वीकृति मिल चुकी है। वहीं, 11 जिलों के 219 गांवों के 42,621 घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 422.90 करोड़ की योजना को मंजूरी दी गई है, जिसे अगले वर्ष पूरा किया जाएगा।
माननीय ऊर्जा मंत्री ने अपने बजट भाषण के अंत में कहा कि राज्य सरकार हर नागरिक को सस्ती, भरोसेमंद और सतत ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इन योजनाओं और परियोजनाओं के माध्यम से बिहार ऊर्जा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है, जो राज्य के विकास को नई दिशा देने में सहायक होगा।
