Benjamin Netanyahu
संयुक्त राष्ट्र: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में शुक्रवार को विश्व के नेताओं से कहा कि लेबनान से लगी सीमा पर अपने लक्ष्यों को हासिल करने तक उनका देश हिजबुल्लाह पर हमले जारी रखेगा। उनके इस बयान से, क्षेत्रीय युद्ध को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन वाले संघर्ष विराम की उम्मीदें घट गई हैं। नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार उस इलाके (लेबनान) से रोजाना रॉकेट दागे जाने को अब बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘इजरायल को इस खतरे को खत्म करने और अपने नागरिकों को सुरक्षित उनके घर भेजने का पूरा अधिकार है। और हम ठीक यही कर रहे हैं। हम हिजबुल्लाह पर हमले करना जारी रखेंगे, जब तक कि हमारे सभी उद्देश्य पूरे नहीं हो जाते।’’
क्यों लड़ रहा है इजरायल?
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘जरा सोचिए, यदि आतंकवादी एल पासो और सैन डियागो को भुतहा शहरों में बदल दें। अमेरिकी सरकार कब तक उसे बर्दाश्त करेगी?’’ उन्होंने कहा कि फिर भी इजरायल लगभग एक साल से इस असहनीय स्थिति को बर्दाश्त कर रहा है लेकिन ‘‘मैं आज यहां यह कहने आया हूं: बस बहुत हो गया।’’ नेतन्याहू ने सात अक्टूबर 2023 को इजरायल की धरती पर हुए हमास के हमले के प्रति अपने देश की जवाबी कार्रवाई का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस साल मैं यहां नहीं आना चाहता था। मेरा देश अपना अस्तित्व बचाने के लिए युद्ध लड़ रहा है। लेकिन जब कई वक्ताओं द्वारा इस मंच से मेरे देश पर लगाए गए झूठे आरोप और (उसकी) बदनामी को मैंने सुना, तो यहां आने और सच्चाई को सामने लाने का फैसला किया।’’ नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि इजराइल शांति चाहता है।
ईरान को लेकर क्या बोले नेतन्याहू
ईरान को बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ‘‘यदि आप हम पर हमला करेंगे, तो हम आप पर हमला करेंगे।’’ उन्होंने एक बार फिर, क्षेत्र की कई समस्याओं के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया। नेतन्याहू ने कहा कि लंबे समय से दुनिया ईरान को खुश करने में लगी हुई है और यह तुष्टीकरण समाप्त होना चाहिए। उन्होंने ने कहा “ईरान में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां इजरायल की पहुंच नहीं है, और यह बात पूरे मध्य पूर्व के लिए सत्य है।”
क्या कहते हैं आंकड़े
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘यह युद्ध अब समाप्त हो सकता है। बस इतना कि हमास आत्मसमर्पण कर दे, अपने हथियार डाल दे और सभी बंधकों को रिहा कर दे। लेकिन यदि वो ऐसा नहीं करते हैं तो हम लड़ेंगे, जब तक कि हमें पूर्ण विजय नहीं मिल जाती।’’ गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इजरायल के हमलों में 41,500 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं और 96,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। (एपी)
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